* 592 मामलों को हल करने में पुलिस रही सफल
अमरावती/दि.30– जिले के 31 ग्रामीण पुलिस थानों में 9 माह के दौरान महिला अत्याचार से संबंधित कुल 634 एफआईआर दर्ज किए गए. जिनमें 231 विनयभंग, 82 बलात्कार, 133 अपहरण व 188 पारिवारिक प्रताडना से संबंधित मामले थे. जिसमें से अपहरण एवं भगा ले जाने की घटनाओं को छोडकर विनयभंग व बलात्कार से संबंधित सभी घटनाओं की गुत्थी सुलझाने में ग्रामीण पुलिस सफल रही है. ऐेसे में कहा जा सकता है कि, महिलाओं पर अत्याचार करने के बाद आरोपियों का पुलिस से बचकर भागना अब मुश्किल हो गया है. क्योंकि महिला अत्याचार के संदर्भ में दर्ज 634 मामलों में से 592 मामलों मेें पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.
बता दें कि, महिलाओं के संदर्भ में कोई भी अपराध घटित होने की जानकारी मिलते ही संवेदनशीलता दिखाते हुए महिलाओं के कहे अनुसार पुलिस थानों को तत्काल अपराध दर्ज करना होता है. साथ ही अपराध दर्ज होने में लगने वाले समय के भीतर ही तुरंत घटनास्थल पर पुलिस पथक को रवाना करना होता है. ताकि आरोपियों को भागने का मौका न मिले. इस आशय का निर्देश ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अविनाश बारगल ने अपने अधिनस्थ यंत्रणा को दे रखा है.
* 82 मामले महिला अत्याचार के
जनवरी से सितंबर इन 9 माह के दौरान महिला अत्याचार के कुल 82 मामले दर्ज किए गए है. इन सभी मामलों के आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस सफल रही. इसमें से 16 मामले अकेले सितंबर माह में दर्ज किए गए थे.
* 142 मामले बच्चों पर अत्याचार के
जनवरी से सितंबर माह के दौरान बच्चों पर अत्याचार के कुल 142 मामले दर्ज किए गए थे. जिसमें से 91 मामले विनयभंग व पोक्सों के तथा 51 मामले नाबालिग लडकियों पर अत्याचार से संबंधित रहे. बता दें कि, नाबालिग लडकियों से विनयभंग व दुराचार के मामले में आईपीसी के साथ ही पोक्सो एक्ट की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया जाता है.
* 231 मामले महिलाओं के विनयभंग के
जिले के 31 पुलिस थाने में जनवरी से सितंबर माह के बीच महिला विनयभंग के 231 अपराध दर्ज किए गए है. जिसमें से 230 मामलों में सफलतापूर्वक जांच करते हुए पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
* 188 मामले पारिवारिक प्रताडना के
पति व ससुरालियों के खिलाफ शारीरिक व मानसिक प्रताडना की शिकायतें दर्ज करने वाली महिलाओं सहित उनके पति व ससुरालियों का महिला सेल में समुपदेशन किया गया. जहां पर दोनों पक्षों के बीच समन्वय स्थापित नहीं हो जाने के चलते 188 मामलो में पारिवारिक प्रताडना का अपराध दर्ज किया गया. वहीं बरगलाकर भगा ले जाने या अपहरण करने को लेकर 135 एफआईआर दर्ज की गई. जिसमें से 92 मामलों में सफलतापूर्वक जांच हुई.
* महिलाओं पर अत्याचार के मामलों को लेकर गतिशील ढंग से जांच पूरी की गई और अधिकांश मामलों में आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया गया. महिलाओं के साथ विनयभंग, छेडछाड, अत्याचार व पारिवारिक प्रताडना जैसे मामलोें में क्राइम डिटेक्शन का प्रमाण शत-प्रतिशत है.
– अविनाश बारगल,
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक, अमरावती.