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जहां महिला का सम्मान वहीं देवता का वास

मनपा वैद्यकीय अधिकारी प्रतिभा आत्राम का कथन

अमरावती/दि.7- पुरुषों की तरह महिलाओं ने भी हर क्षेत्र में अपनी छाप छोडी है. चाहे वह शिक्षा हो, राजनीति हो, विज्ञान हो या खेल का मैदान. महिलाएं किसी भी क्षेत्र में अब कम नहीं है. महिलाओं की स्वतंत्रता और विचारों का सम्मान जहां किया जाता है, वहीं देवता का वास रहता है, ऐसा मनपा की वैद्यकीय अधिकारी प्रतिभा आत्राम ने अमरावती मंडल द्वारा लिये गये साक्षात्कार मेें कहा.
महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना और उन्हें सम्मान देना है. महिलाओं ने इतिहास में हर क्षेत्र में अपनी छाप छोडी है. मनपा की वैद्यकीय अधिकारी प्रतिभा आत्राम मूल यवतमाल जिले की है. उन्होंने बीएएमएस और एमडी प्रथम वर्ष उत्तीर्ण किया है. लेकिन शिक्षा लेते सितंबर 2002 में मनपा में नौकरी मिल गई. इस कारण आगे की शिक्षा उन्होंने नहीं की. उनके पति डॉ. रवींद्र कोवे पुलिस आयुक्त कार्यालय में मेडिकल ऑफिसर है. जबकि छोटी बहन यवतमाल जिले के लोणी गांव में शिक्षिका है और भाई भी शासकीय नौकरी पर है. प्रतिभा आत्राम ने बताया कि, उनके पिता यवतमाल पंचायत समिति के विस्तार अधिकारी थे. महिला दिवस निमित्त उनका कहना था कि, महिलाओं ने पूरा दिन काम करते समय खुद के भी स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए. अपने लिए भी महिलाओं ने समय देना चाहिए. महिलाएं भी अब पुरुषों से कम नहीं है. सभी ने पुरुषों की तरह महिलाओं को भी सम्मान से देखना चाहिए. महिलाओं को जहां स्वतंत्रता मिलती है और उनका सम्मान किया जाता है. वहीं देवता का वास रहता है. प्रतिभा आत्राम मनपा की वैद्यकीय अधिकारी के साथ ही विशाखा समिति की पिछले 9 साल से अध्यक्ष भी है. उन्होंने वैद्यकीय अधिकारी के रुप में काम करते हुए महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए अनेक उपक्रम भी चलाये है और महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने का भी आवाहन किया है.

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