अमरावती

बच्चे को गोवर का टीका लगवाया या नहीं?

तेजी से पांव पसार रही खसरे की बीमारी, उपाय जरुरी

अमरावती/दि.29 – छोटे बच्चे के शरीर में बारिक फुन्सिया आना, शरीर में खुजली होना तथा कम अधिक प्रमाण में बुखार आना यह गोवर यानि खसरे की बीमारी के लक्षण हो सकते है. साथ ही इन दिनों इस बीमारी का प्रमाण कुछ बढा हुआ दिखाई दे रहा है. ऐसे में इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते ही 2 कामों को बाजू रखकर पहले बच्चे को अस्पताल ले जाकर दिखाया जाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह ली जानी चाहिए. साथ ही किसी भी तरह के बुखार की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए, ऐसा आवाहन जिला स्वास्थ्य विभाग द्बारा किया गया है.
* खसरे का टीका कब लगाएं
खसरे का विषाणु शरीर में प्रवेश करने के बाद 7 से 8 दिन पश्चात बीमारी के लक्षण दिखाई देने शुरु हो जाते है. जिसके तहत शुरुआत में सर्दी-खासी व बुखार होने के साथ ही आंखे लाल होने लगती है. यह लक्षण दिखाई देते ही अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर बच्चे को खसरे का टीका लगाया जाना चाहिए.
* बुखार, शरीर पर चट्टे व सांस की तकलीफ
बुखार आना, शरीर पर फुन्सी व चट्टे दिखाई देना तथा लगातार सर्दी रहने के साथ ही सांस लेने में तकलीफ होना यह सब खसरे की बीमारी के लक्षण हो सकते है. ऐसे समय बच्चों का विशेष ध्यान रखते हुए उन्हें नजदीकी सरकारी अस्पताल में ले जाकर डॉक्टर को दिखाना चाहिए तथा डॉक्टर के सलाह के अनुसार समय पर औषधोपचार करना चाहिए.
* विटामीन-ए का प्रमाण होता है कम
खसरे का शिकार होने वाले मरीज के शरीर में विटामीन-ए का प्रमाण तेजी से कम होता है. जिसके चलते पीडित मरीज को आंखों की बीमारियां, अतिसार, निमोनिया व मस्तीष्क का ज्वर जैसी बीमारियां भी हो सकती है.
* दोनो वैक्सिन देना आवश्यक
सभी सरकारी अस्पतालों में खसरे का प्रमाण उपलब्ध रहता है. शून्य से 12 माह की आयु तक पहला टीका व 16 से 24 माह की आयु तक दूसरा टीका लगाया जाता है. हर बच्चे को खसरे के दोनों टीके लगाना बेहद आवश्यक होता है.
* सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क टीका
जिला सामान्य अस्पताल, उपजिला अस्पताल व ग्रामीण अस्पताल जैसे सभी सरकारी अस्पतालों में खसरे का टीका पूरी तरह से नि:शुल्क तौर पर उपलब्ध रहता है. अत: खसरे के बीमारी के लक्षण दिखाई देते ही बच्चे को तुरंत सरकारी अस्पताल ले जाकर उसका नि:शुल्क इलाज व टीकाकरण कराया जाना चाहिए.

* तय समय पर टीकाकरण कराए जाने के चलते खसरे की बीमारी को टाला जा सकता है. इस वैक्सिन का पहला डोज शून्य आयु गुट से 12 माह की आयु तक तथा दूसरा टीका 16 माह से 24 माह की आयु तक दिया जाता है और सभी बच्चों को वैक्सिन के दोनों टीके लगवाना अनिवार्य है. इसके बावजूद खसरे की बीमारी का कोई भी लक्षण दिखाई देते ही सरकारी अस्पताल में तुरंत संपर्क करना चाहिए. जहां पर टीका और दवाई नि:शुल्क रुप से उपलब्ध है.
– डॉ. दिलीप रणमले,
जिला स्वास्थ्य अधिकारी, अम.

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