इस वर्ष सफेद सोने की खरीदी नवंबर के अंतिम सप्ताह से
बारिश के कारण इस वर्ष उत्पादन में हुई देरी
अमरावती/दि.5- इस वर्ष बारिश होने के कारण कपास उत्पादक किसानों का भी भारी नुकसान हुआ हैं. हर वर्ष नवंबर की शुुरुआत में बाजार में आने वाला सफेद सोने की खरीदी नवंबर के आखिरी सप्ताह में व दिसंबर के पहले सप्ताह से शुरु होने की संभावना व्यापारियों व्दारा जताई गई हैं.
इस वर्ष जिले में मूसलाधार बारिश और अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन, तुअर, कपास इन खरीफ की फसलों का काफी नुकसान हुआ हैं. वापसी की बारिश भी अधिक होने से किसान आर्थिक संकट में आ गए हैं. वापसी की बारिश के कारण किसानों का सोयाबीन का नुकसान अधिक होने से और फसल की कटाई देरी से होने के कारण उपज मंडी में सोयाबीन की आवक दिवाली के पूर्व काफी कम रही. लेकिन दिवाली के बाद कटाई पूर्ण होने से सोयाबीन माल की आवक मंडी में दिनोंदिन बढने लगी. इसी तरह सफेद सोने की भी स्थिति वैसी ही हैं. हर वर्ष नवंबर माह में बाजार में आने वाला कपास इस वर्ष बारिश के कारण देरी से आने के कारण उसकी खरीदी नवंबर के अंतिम सप्ताह अथवा दिसंबर के पहले सप्ताह से शुुरु होने की संभावना हैं. बाजार समिती के नियंत्रण में निजी कपास खरीददारों व्दारा की जाती हैं. इस वर्ष अतिवृष्टि के कारण कपास के उत्पादन में कमी रहने का अनुमान हैं. शासन व्दारा घोषित किए गए गारंटी दाम काफी कम रहने से शासकीय कपास खरीदी की तरफ किसानों का झुकाव कम रहने वाला है इस कारण निजी व्यापारियों को कपास बिक्री करने के अलावा किसानों के पास पर्याय नहीं रहने वाला हैं.
कपास उत्पादक जिले वाले अमरावती शहर में हर वर्ष 5 से 6 लाख क्विंटल कपास की खरीदी-बिक्री होती हैं. अमरावती में निजी कपास खरीददार बाजार समिती परिसर में न जाते हुए अपनी जिनिंग मेें ही कपास खरीदी करते हैं. लेकिन निजी कपास खरीददारों की यह खरीदी बाजार समिति के नियंत्रण में होती हैं. खरीदी स्थल पर मंडी के कर्मचारी पहुंचकर सेस जमा कर लेते हैं. कपास की खरीदी शुरु होने पर बाजार समिती प्रशासन को सेस के रुप में मुनाफा मिलता हैं.
शहर में 75 खरीददार
अमरावती शहर में कपास का बाजारपेठ हैं. यहां करीबन 75 कपास खरीददार हैं. यह सभी खरीददार अपनी-अपनी जगह पर कपास खरीदी करते हैं. बाजार समिती को कपास की खरीदी-बिक्री के व्यवहार से सेस मिलता हैं. बाजार समिति में मुलभूत सुविधा न रहने से कपास खरीददारों ने अपनी जगह पर ही कपास की खरीददारी पिछले अनेक वर्षो से जारी रखी हैं. लेकिन इस वर्ष मंडी प्रशासन ने कपास बाजार मंडी परिसर में भरने के प्रयास शुरु किए हैं देखना है आगे क्या होता हैं.
जिनिंग पर मंडी के कर्मचारी
अमरावती उपज मंडी में कपास की खरीदी बंद रहने से खरीददार अपनी जिनिंग पर ही कपास की खरीदी करते हैं. इस कारण बाजार समिती के कर्मचारी उस समय वहां उपस्थित रहकर दैनंदिन कपास खरीदी की विस्तृत जानकारी लेकर सेस वसूल करते हैं. यदि इस वर्ष भी खरीददार और आडतिया नहीं माने तो कपास खरीदी बाजार समिती के बाहर ही शुरु होने की संभावना हैं.