अमरावतीमहाराष्ट्र

सफेद सोना ने बिगाडा किसानों का बजट

अमरावती/दि.05– कपास का उत्पादन खर्च से बढता रहते औसतन उत्पादन में कमी आई है. इस बार कपास के ग्यारंटी भाव 7200 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किए गए है. प्रत्यक्ष में शासन खरीदी केंद्र शुरु न रहने से कपास को 6200 से 6400 रुपए भाव मिल रहे है. इसमें उत्पादन खर्च भी न मिलने से किसानों का आर्थिक बजट बिगड गया है.

मानसून में देरी होने के बाद अगस्त में बारिश न होने और 13 तहसीलो में औसतन बारिश में कमी और बोंडइल्ली के प्रादूर्भाव के कारण कपास का भारी मात्रा में नुकसान हुआ है. इसके अलावा नवंबर के अंत में हुई बारिश से किसानों का कपास गिला हो गया. इस कारण व्यापारी कम भाव से कपास की खरीदी कर रहे है. ऐसे में दो-तीन चुनाई में हलके दर्जे की कपास हाथ लग रही है. इन सभी बातो के कारण औसतन उत्पादन में कमी आई रहते कपास को ग्यारंटी दाम भी न मिलने से किसानों का बजट बिगड गया है. रुई-सरकी के भाव भी कम रहने से कपास के भाव दबाव में है. और दो साल में पहली बार कपास को कम भाव मिला है. 2 वर्ष पूर्व कपास को अब तक सर्वाधिक 13 हजार 500 रुपए प्रति क्विंटल तक भाव मिले थे. लेकिन इस बार कपास के भाव ने किसानों को निराश किया है.

* तीन केंद्रो पर ही शासन खरीदी?
वर्तमान स्थिति में येवदा, भातकुली और धामनगांव रेलवे ऐसे तीन केंद्रो पर ही सीसीआय द्वारा कपास की खरीदी हो रही है. शेष केंद्रो पर पणन महासंघ द्वारा खरीदी होनेवाली है. प्रत्यक्ष में यह खरीदी कब होगी, यह निश्चित न रहने से किसानों को मूल्यवृद्धि की प्रतिक्षा में सफेद सोना घर में रखने अथवा मिले उस भाव से कपास की बिक्री करने के अलावा पर्याय नहीं है. इसमें भी गांव-गांव खरीदी में किसानों की लूट होती रहते उपज मंडी द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है.

* कपास चुनाई का खर्च 12 से 15 रुपए किलो
अब तक कपास चुनाई के भाव अधिकतम 10 रुपए किलो तक थे. लेकिन इस बार 12 से 15 रुपए किलो तक पहुंच गए है. इस कारण उत्पादन खर्च में बढोत्तरी हुई है. बीज, रासायनिक खाद, किटकनाशक, ट्रैक्टर द्वारा और मजदूरो की मशागति का खर्च भारी मात्रा में बढा है. इस तुलना में औसतन उत्पादन में कमी आने से किसानों का बजट बिगडा है.

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