अमरावती/दि.30– अमरावती संसदीय क्षेत्र में लोकसभा का चुनाव हेतु विगत 26 अप्रैल को मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई और अब सीधे 4 जून को मतगणना कराई जाएगी. जिसके बाद चुनावी नतीजे घोषित किए जाएंगे. ऐसे में अब भलेही चुनावी धामधूम पूरी तरह से शांत हो गई है. लेकिन चुनाव को लेकर चर्चाओं और संभावित नतीजो को लेकर कयासबाजी का दौर अच्छा-खासा चल रहा है. जिसके तहत इस समय सबसे प्रमुख चर्चा इस बात को लेकर चल रही है कि, जिन प्रत्याशियों को लोकसभा के चुनाव में चेहरा माना जा रहा था, वे तो हकिकत मोहराभर थे और उन्हें चुनाव लडाने के साथ ही उनके चुनाव प्रचार का नियोजन करनेवाले असली चेहरे तो कोई अलग ही लोग थे. ऐसे में परदे के पीछे रहनेवाले मास्टरमाईंड लोगों को लेकर इस समय चर्चाएं और कयास तेज हो गए.
उल्लेखनीय है कि, चुनाव प्रचार के दौरान सामने दिखाई देनेवाले प्रत्याशियों और उनका प्रचार करनेवाले प्रचारको की ही सबसे अधिक चर्चाएं होती है. लेकिन हर चुनाव में कई ऐसे लोग होते है, जो परदे के पीछे रहकर अपनी जिम्मेदारी और भूमिका को निभाते है और उनके द्वारा किए जानेवाले तमाम तरह के नियोजन पर ही सारा खेल टिका रहता है. इन्हीं मास्टरमाईंड कहे जा सकते लोगों द्वारा किए जानेवाले सुक्ष्म निरीक्षण व प्रचार के नियोजन के दम पर किसी भी प्रत्याशी की हार और जीत का मामला तय होता है. परदे के पीछे रहनेवाले इन्हीं लोगों द्वारा अपने प्रत्याशी की प्रचार सभाओं सहित अपने प्रत्याशी के पक्ष में अधिक से अधिक मतदाताओं को ईवीएम मशीन तक लाने का नियोजन किया जाता है और तमाम घटकों की राजी-नाराजी दूर करते हुए सभी को एकजुट रखकर अपने पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में उर्जा भरने का काम भी किया जाता है. यही तमाम द़ृष्य इस बार के चुनाव में भी दिखाई दिया. लेकिन खास बात यह रही कि, इस बार परदे के पीछे का कलाकार कौन है, यह भी सभी को शुरु से ही बिल्कुल साफ-साफ पता था, क्योंकि शुरु से लेकर अंत तक चुनावी रेस में सशक्त तरिके से बने रहनेवाले अमरावती संसदीय क्षेत्र के तीनों प्रमुख प्रत्याशियों सहित उनके लिए उन्हें चुनाव में खडा करनेवाले एवंम् उनके लिए तमाम तरह का प्रबंध व नियोजन करनेवाले नेता भी चर्चा में बने हुए थे.
* किसका मास्टरमाईंड रहा कौन?
नवनीत राणा – महायुती
महायुती की ओर से भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाई गई नवनीत राणा के साथ भाजपा सहित महायुती में शामिल घटक दलों की ताकत तो थी. लेकिन सबसे प्रमुख नाम नवनीत राणा के पति व विधायक रवि राणा का कहा जा सकता है. जो पूरा समय अपनी पत्नी के साथ साए की तरह बने रहे और उन्होंने नवनीत राणा का प्रचार करने के साथ ही उनकी सभाओं तथा रैलीयों एवं समाज के विभिन्न घटको के साथ संवाद-बैठको के लिए तमाम आवश्यक नियोजन करने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
बलवंत वानखडे – मविआ
महाविकास आघाडी के प्रत्याशी बलवंत वानखडे के प्रचार हेतु कांग्रेस सहित सभी घटक दलों के पदाधिकारियों ने जमकर काम किया. साथ ही वानखडे के प्रचार हेतु कांग्रेस के स्टार प्रचारको के भी अमरावती में सभाएं हुई और मविआ के तमाम बडे नेताओं ने पार्टी प्रत्याशी के लिए अमरावती पहुंचकर बैठके की. वहीं अमरावती संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे के चुनाव प्रचार सहित उनकी जीत को सुनिश्चित बनाने हेतु तमाम कामो के नियोजन का जिम्मा पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर तथा कांग्रेस के ग्रामीण जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख ने संभाल रखा था.
दिनेश बूब – प्रहार
प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी दिनेश बूब के लिए विधायक बच्चू कडू व विधायक राजकुमार पटेल सहित पार्टी के पदाधिकारियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. दिनेश बूब के लिए विधायक बच्चू कडू ही स्टार प्रचारक थे, तथा विधायक बच्चू कडू सहित विधायक राजकुमार पटेल ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लगातार बैठके करने के साथ ही पदयात्राओं व सभाओं में हिस्सा लिया. साथ ही दिनेश बूब के लिए चुनाव प्रचार के अंतिम दिन निकाली गई रैली सभी के लिए आकर्षण का केंद्र रही.