कौन हैं ये सिलेक्टर्स, कहां से आते हैं…
अमरावती/ दि. 16- कल जिस किसी ने भी इस क्रिकेट विश्व कप का पहला सेमी फाइनल और उसकी दूसरी इनिंग देखी होगी. शायद यह सोचने पर मजबूर हुए होंगे कि भारतीय क्रिकेट टीम के 11 खिलाडी सुननेवाले सिलेक्टर्स कौन होंगे? क्या सोचकर खिलाडी चुनते होंगे. कल गोलंदाज मो. शमी ने एक नहीं, दो नहीं, तीन भी नहीं बल्कि पूरे सात विकेट लिए. शमी का तूफान ऐसा चला कि मुंबई के प्रसिध्द वानखेडे स्टेडियम से लेकर पूरी दुनिया में घर-घर और असंख्य स्थानों पर मुकाबला देख रहे दर्शक शमी शमी की गूंज लगा रहे थे. क्रिकेट की भाषा में कहा जाता है कि तीन विकेट यानी एक शतक. छह विकेट दोहरा शतक. यदि वन डे में गोलंदाज सात विकेट उखाड देता है तो आसान भाषा में उसे तिहरा शतक बोल सकते है. उस मो. शमी ने कल न्यूजीलैंड के सात विकेट (तिहरा शतक) लिए. जिसे इसी विश्व कप टूर्नामेंट के टीम इंडिया के शुरूआती चार मुकाबलों तक हमारे गुणवान, अनुभवी लाखों रूपए फीस लेनेवाले, दुनिया भर की सुविधाएं पानेवाले चयनकर्ताओं ने टीम में शामिल न किया था.
केवल कल ही नहीं बल्कि मो.शमी ने उसे खिलाए गए प्रत्येक मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया है. उसने तीन, चार या पांच विकेट लिए है. शमी को छह मुकाबलों में मौका मिला और उसने प्रतिस्पर्धियों के 23 विकेट उखाड दिए हैं. जिसमें एक चौका, एक दुक्का, दो पंजे, एक सत्ता लगाया. मो. शमी का निजी जीवन थोडा विवादों से घिरा रहा है. किंतु खेल उतना ही लाजवाब. 33 साल के शमी 145 किमी प्रति घंटे की गति से गेम फेेेंकता है और अब तक उसने सभी फार्मेट मिलाकर चार सौ विकेट उखाडे हैं. फिर सिलेक्टर्स ने उसे टीम में शामिल क्यों नहीं किया होगा.? इस बार भारत ने अजेय रहते हुए सभी 10 मुकाबले जीते ंहैं. जिसमें से पांच निश्चित ही शमी की परफामन्स के कारण जीते हैं.
सोचों यदि हार्दिक पंडया घायल नहीं होते. मो. शमी नहीं आया होता. यदि मो. शमी ने चार बार सामनेवाली आधी टीम को आउट न किया होता तो क्या टीम इंडिया सेमी फाइनल में पहुंचती ? कल जब मैच देख रहा था तो बार-बार यही ख्याल जेहन में आ रहा था कि कौन हैं ये सिलेक्टर्स , कहां से आते हैं? किस आधार पर टीम चुनते हैं. जुनून की हद तक लोकप्रिय हो चुके खेल के करोडों चाहने वालों के साथ खिलवाड क्यों करते है. कल हमारे 140 करोड लोगों के देश ने पांच दिनों में एक और दिवाली मनाई. शमी के लिए पटाखे फूटे. तब यह बात भी याद आती है जो अक्तूबर 2021 के आसपास की है. जाति की राजनीतिक करनेवाले हमारे देश के सैकडों नेताओं ने मो. शमी को उनके व्यक्तिगत जीवन को लेकर ट्रोल किया था. शमी ने अपने प्रदर्शन से उन नेताओं के चेहरे पर सात उंगलियों वाला कडा तमाचा मारा. ऐसा माना जा रहा है कि हम इस बार यह ट्राफी हर हाल में जीतेंगे. बस यही देखना बाकी है कि फाइनल में ऑस्ट्रेलिया अथवा दक्षिण अफ्रिका के सामने शमी चौंका मारते हैं या सिक्सर !