जिप्सी की दुर्घटना में सफारी की गति पर नियंत्रण किसका?
मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट की घटना, वनमंत्री से शिकायत
अमरावती/ दि.12 – मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट ने शुरु किये व्याघ्र सफारी के बीच एक जिप्सी की 5 नवंबर को दुर्घटना हुई. वन विभाग के जंगल में यह वाहन रास्ते के बीचों बीच प्रति घंटा 50 से 55 किलोमीटर की रफ्तार से दौडाया जा रहा था. रफ ड्रायविंग, गाईड घायल, इसके बाद दोस्त को बुलाकर जिप्सी चालक को बेदम पीटा. इस घटना से इस प्रोजेक्ट की बदनामी हुई है. इस तरह की करतूत पर अंकुश लगाने की मांग जिला जैवविविधता समिति के सदस्य डॉ. श्रीकांत वर्हेकर ने राज्य के वनमंत्री समेत प्रधान मुख्य वनरक्षक से की है.
उपवन संरक्षक इसी तरह क्षेत्र संचालक तथा मुख्य वनसंरक्षक को सौंपे ज्ञापन के अनुसार श्रीकांत वर्हेकर ने पांच पुरुष, चार महिलाएं व तीन बच्चे ऐसे परिवार के साथ 5 अक्तूबर को मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट के वैराट (चिखलदरा) की सफारी के लिए बुकिंग कराई. वन विभाग व्दारा दो जिप्सी उपलब्ध कराई गई. बच्चे साथ में होने के कारण दोनों वाहन साथ रखने व धिरे चलाने का आग्रह चालक शोएब से किया गया था. इसके बाद भी उन्होंने वाहन तेज गति से निकाला. पीछे से साईड मांगने वाले वाहन को साईड न देते हुए रास्ते के बीचो-बीच 50 से 55 किलोमीटर की रफ्तार से चलाया, ऐसे में शोएब का वाहन से नियंत्रण छूट गया और वाहन सडक किनारे सीमेंट की नाली में जा गिरा. इस हादसे में सभी को बंधा मार लगा. वर्हेकर परिवार आज भी उस मानसिक झटके से बाहर नहीं निकल पाया. गाईड प्रकाश तायडे को काफी मार लगी. ऐसे चालक का सफारी व वाहन चलाने के लाईसेंस को स्थायी तौर पर रद्द किया जाए, ऐसी मांग वर्हेकर ने की है.
सफारी के लिए यह नियमावली होनी चाहिए
– गाडी के टायर, पर्यटक की बैठक, गाडी का रंग अच्छा होना चाहिए व पेट्रोल पूरा भरा है या नहीं, इसकी तस्सली करे.
– गाडी को सफारी के लिए लगाने वाले व्यक्ति का लाईसेंस, वन विभाग का लोगों गाडी के कांच पर लगा होना चाहिए.
– वाहन चालक व गाईड को ड्रेस कोड के साथ परिचय पत्र जरुरी करे.
– चालक व गाईड गुटखा खाने वाला या नशापानी करने वाला तो नहीं है, इसका ध्यान रखे.
– पर्यटकों के लिए सूचना दे कि, वे अपना मोबाइल व वॉलेट पीछे के जेब में न रखे.