सरकारी राशन दुकान पर ताला ठोंकने का अधिकार किसके पास?
केवल कागज पर ही है दक्षता समिति, शिकायतकर्ता काट रहे कार्यालय में चक्कर
अमरावती /दि.6– सस्ते सरकारी राशन दुकान से राशन व अनाज का वितरण सुचारु रखने हेतु तहसील एवं ग्रामपंचायत स्तर पर गठित की गई दक्षता समितियां केवल कागजों पर ही है और तहसीलस्तर पर तो समिति का गठन ही नहीं हुआ है. जिसके चलते राशन संबंधित कोई शिकायत रहने पर नागरिकों को राजस्व एवं आपूर्ति विभाग के कार्यालयों मेें चक्कर काटने पडते है. जिसकेचलते अनियमितता बरतने वाले राशन दुकानदारों की जमकर बल्ले-बल्ले है और उन्हें अपने खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई होने का कोई डर नहीं है.
बता दें कि, कई बार राशन दुकान समय पर नहीं खोली जाती और राशन का वजन गलत होता है. इस तरह की शिकायतों का निराकरण करने की जबाबदारी दक्षता समिति पर होती है. परंतु ऐसी समितियां ही क्रियाशील नहीं रहने के चलते शिकायतें बेदखल हो जाती है. विशेष उल्लेखनीय है कि, जिलास्तर पर तो दक्षता समिति कार्यान्वित है. परंतु तहसील एवं ग्रामीण स्तर पर दक्षता समितियों का कोई अस्तित्व दिखाई नहीं देता.
* गांवस्तर पर सरपंच होता है अध्यक्ष
गांवस्तर पर दक्षता समिति के अध्यक्ष पद का जिम्मा सरपंच के पास होता है. साथ ही पुलिस पाटिल, ग्रामसेवक व पटवारी सहित 10 सदस्यों की समिति होती है.
* तहसीलस्तर पर अध्यक्ष कौन?
तहसीलस्तर पर विधायक के पास अध्यक्ष पद का जिम्मा होता है और विधान परिषद सदस्य को भी सदस्य के तौर पर समिति में शामिल किया जाता है. इसके अलावा बीडीओ व तहसीलदार सहित 13 सदस्य समिति में शामिल रहते है.
* समिति के पास कौनसा अधिकार?
सस्ते सरकारी राशन दुकान से वितरीत की जाने वाली जीवनावश्यक वस्तु की वितरण व्यवस्था पर नजर रखने की प्रुमख जबाबदारी दक्षता समिति पर होती है.
* प्रत्येक तहसील में समिति जरुरी
जिले की प्रत्येक तहसील में दक्षता समिति का रहना व क्रियाशील होना बेहद जरुरी है. परंतु जिले की 14 तहसीलों में से कुछ चुनिंदा स्थानों पर ही यह समिति कार्यरत है. ऐसे में प्रशासन द्वारा सभी तहसीलों में इन समितियों को सक्रिय करना बेहद जरुरी है.
* गांव की समिति के अध्यक्ष केवल कागजों पर
तहसील के साथ ही ग्रामपंचायतस्तर पर अधिकांश दक्षता समितियां केवल कागजों पर ही रहने की शिकायतें प्राप्त हो रही है. जबकि ग्रामपंचायतस्तर पर इन समितियों का सक्रिय रहना बेहद आवश्यक है.
* खुद अध्यक्ष ही अनभिज्ञ
गांवस्तर पर समिति के अध्यक्ष रहने वाले सरपंच ही अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति अनभिज्ञ है. जिसके चलते समिति के सदस्य रहने वाले ग्रामसेवक व पटवारी भी राशन वितरण व्यवस्था की ओर कोई ध्यान नहीं देते है.