अमरावती

हथियार, गांजे की तस्करी का मुख्य सरगना कौन?

गहन तहकीकात जरुरी, जनता की सुरक्षा खतरे में

अमरावती-/ दि.13 पुलिस आयुक्त व्दारा पाबंदी लगाने के बाद भी शहर में धडल्ले से चायना चाकू जैसे हथियारों की खेप बडे आसानी से पहुंचाई जा रही है. जिससे शहर की सुरक्षा खतरे में दिखाई दे रही है. अमरावती शहर ही नहीं बल्कि यह आलम पूरे संभाग और विदर्भ में शुरु है. इसी तरह गांंजे जैसा घातक पदार्थ खुलेआम बेचा जा रहा है. हाल ही में आंध्रप्रदेश से अमरावती के लिए बडी खेप लाई जा रही थी. इस दौरान ग्रामीण पुलिस विभाग व्दारा बडी छापामार कार्रवाई की गई. गिरफ्तार किये गये आरोपियों के अनुसार इससे पहले भी वे गांजे की खेप ला चुके है. पकडे गए आरोपी केवल डिलेवरी बॉय है. जबकि गांजे की तस्करी करने वाले मुख्य तस्कर अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगे, यह भी एक चिंता का विषय है. इस ओर गहन तहकीकात करते हुए पुलिस को ठोस कदम उठाना पडेगा, ऐसी मांग शहरवासियों व्दारा की जा रही है.
पिछले दिनों जिला ग्रामीण पुलिस की कार्रवाई में आंध्र प्रदेश से अमरावती में गांजे की भारी तस्करी का पर्दाफाश हुआ था. अपराध शाखा ने पता लगाया और गांजे की तस्करी को नाकाम कर दिया. करीबन 435 किलो गांजा जब्त किया गया. यह सराहनीय है लेकिन इसके बाद यह पता नहीं चल पाया कि गांजे की यह तस्करी कहां से हो रही है और प्रमुख सूत्रधार कौन है. बरामद किया. बताते हैं कि इसके पहले एक बार अमरावती पुलिस की टीम आंध्र प्रदेश गई थी लेकिन वहां की पुलिस का समुचित सहयोग नहीं मिलने से बात जहां की वहीं रह गई थी. वरिष्ठ स्तर पर मामले में ध्यान क्यों नहीं दिया गया, यह सवाल उठता है. धारणी में चायना चाकू का जखीरा मिला. नागपुरी गेट में एक आरोपी के पास से पुलिस ने चायना चाकू बरामद किया.
गांजे की तस्करी, हथियारों की ऑनलाइन खरीदी यह लोगों की सुरक्षा से जुड़ा मामला है. इस मामले में इस तरह की लापरवाही अक्षम्य ही कही जानी चाहिए, गांजा बड़े पैमाने पर मिलने के बाद इसकी तह तक जाते हुए प्रमुख सूत्रधार तक पहुंचना जरूरी रहता है. लेकिन बीते कई वर्षों के दौरान गहन जांच का अभाव दिखाई देने से अवैध गांजा तस्करों की हिम्मत बढ़ी है और इसकी तस्करी तेजी से जारी है.

तलवारों के बाद चायना चाकू ऑनलाइन
शहर के साथ ही जिले तथा संभाग में मामूली बातों पर फायरिंग, तलवार, चायना चाकू से हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं. पिछले दिनों शहर पुलिस ने बड़े पैमाने पर चायना चाकू बरामद किया था. लेकिन इसके बाद यह कहां से आया था, शहर तथा जिला ग्रामीण में हथियार कहां से आ रहे हैं, इसकी तह तक जांच नहीं हो पाई. इससे मुख्य आरोपी तक पुलिस नहीं पहुंची. शहर में नाबालिगों के हाथों में हथियार रहने और हमले की कई घटनाएं पहले भी हुई हैं. तलवार के साथ ऑनकॉल पर चायना चाकू वाली स्थिति लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है. ऐसे में पुलिस को कम से कम गांजा तस्करी और हथियारों के आने के मामले को गंभीरता से लेकर गहन जांच करनी चाहिए. जब ऑन कॉल अमेजान से ही यह हथियार आने की बात तय है तो इस दिशा में कोई कदम क्यों नहीं उठाया जा रहा है, यह भी सवाल अनुत्तरित है.

चायना चाकू पेट में ही टूट रहा
जानलेवा चायना चाकू को लेकर नई बात सामने आई है. शहर में तीन घटनाओं में आरोपियों द्वारा चायना चाकू से हमला करने के बाद वह पेट में ही फंसने के कारण छोड़ कर भागने की घटनाएं हुई हैं. यह इस कदर खतरनाक है कि एक बार इससे हमला करने के बाद व्यक्ति के बचने की संभावना नहीं के बराबर होती है. बावजूद इसके यह कहां से आ रहा है, इसका गहन जांच पुलिस द्वारा क्यों नहीं की जा रही है, यह अबूझ पहेली है. संभाग के साथ ही विदर्भस्तर पर हथियारों के साथ ही गांजा तस्करी निश्चित ही चिंता का विषय है.

मुंबई के चोर बाजार से खरीदा था चायना चाकू
कानून व्यवस्था को तार-तार करने वाला मामला सामने आया है, चायना चाकू के मामले में गिरफ्तार युवक ने पुलिस को बताया कि उसने मुंबई के चोर बाजार से चायना चाकू 250 रूपए के मुताबिक खरीदा था और अमरावती में धड़ल्ले से दुगुना दाम में बेच रहा था. पुलिस की मुंबई के चोर बाजार में चायना चाकू बिकने के तार का पता लगाना जरूरी था, लेकिन इस मामले में गिरफ्तार युवक को जमानत मिल गई और पुलिस की डोटी खाम होने वाली स्थिति है. यही कारण है कि देशी कट्टा, तलवार, चायना चाकू आज पाली-मुहल्लों में मिलकर कानून और सुव्यवस्था के साथ ही लोगों की सुरक्षा की चुनौती दे रहे हैं. पुलिस प्रशासन को त्यौहारों में इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.

Back to top button