अमरावती

एफडीए की सुनता कौन है?

बासी मिठाईयों की खुलेआम विक्री

* एक्सप्रायरी डेट का किसी को ध्यान नहीं
अमरावती -दि.6 गणेशोत्सव में प्रसाद के लिए बडे प्रमाण में मिठाई खरीदी जाती हैं. बाप्पा के प्रसाद के रुप में उतनी ही भावना से प्रसाद ग्रहण किया जाता हैं. किंतु सवाल यह उठता है कि, बाजार में उपलब्ध मिठाई क्या सचमुच ताजी और खाने योग्य हैं. मिठाई के ट्रे पर एक्सप्रायरी डेट लिखना बंधनकारक हैं. बावजूद इसके अनेक रेस्टारेंट चालक इसका पालन नहीं करते नजर आते. अन्न व औषधि विभाग एफडीए के पास जिम्मेदारी हैं. मगर एफडीए की सुनता कौन है का नजारा सर्वत्र हैं.
* 2 साल पुराना आदेश
भारतीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने लगभग 2 साल पहले 1 अक्तूबर 2020 को इस बारे में आदेश जारी किया था. जिसके अनुसार मिठाई की ट्रे पर उसकी अवसान तिथि दर्ज करना जरुरी हैं. आज भी इस आदेश का पालन कहीं-कहीं नहीं होते नजर आता.
* कार्रवाई का अधिकार
मोदक, पेढे, बर्फी और अन्य पदार्थ कब बनाये गये, और कब तक वे खाने योग्य रहेंगे, इसकी तारीख ट्रे पर दर्ज करना जरुरी हैं. ऐसा न करने पर अन्न सुरक्षा कानून 2006 के तहत कार्रवाई का प्रावधान हैं. रेस्टारेंट, स्वीटमार्ट में मीठे पदार्थों की विक्री करते समय उपरोक्त बातों का उल्लेख होेना आवश्यक हैं.
* रंगों पर भी ध्यान
त्यौहारों के सीजन में मिठाईयों को आकर्षक बनाने रंगों का प्रयोग होता हैं. मगर सिंथेटीक कलर का उपयोग प्रमाण से अधिक होने की भी शिकायतें मिलती हैं. रंग का यह जानलेवा खेल नागरिकों की जान पर बन आता हैं. कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का भी अंदेशा रहता हैं. मिठाई और खाद्य पदार्थों में सिंथेटीक फूड कलर के उपयोग की अनुमति उसकी मात्रा के तहत दी जाती हैं. अन्न व औषध प्रशासन विभाग ने अधिक भडक रंग दिखाई देने पर सावधान रहने का आवाहन किया हैं. एफडीए ने खाद्य पदार्थों के बारे में कोई संदेश होने पर 1800222365 नंबर पर संपर्क करने की अपील भी की हैं.

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