कौन होगा उम्मीदवार राणा, अडसुल या वानखडे या फिर कोई और?
विश्व की सबसे बडी पार्टी भाजपा के नेता-कार्यकर्ता अस्वस्थ
*हर दिन नये नाम, नई खबरे व नया आकंलन
अमरावती/दि.23 – विश्व की सबसे बडी पार्टी भाजपा के अमरावती लोकसभा क्षेत्र के नेता व कार्यकर्ता इन दिनों जबरदस्त अस्वस्थ दिखाई दे रहे है. चुनाव घोषित होने को एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन अब तक जिले के भाजपाईयों को यह तक नहीं पता की इस सीट से कौन लडेगा और टिकट की दावेदारी के लिए प्रतिस्पर्धी कौन – कौन है?
अमरावती लोकसभा के 6 विधानसभा क्षेत्रों में विधानसभा सदस्य विरहित भाजपा की स्थिती लोकसभा उम्मीदवार के लिए हर दिन नयी खबरे, नये आंकलन व नये नेता में फंस कर रह चुकी है. जिले के किसी भाजपा नेता के पास लोकसभा चुनाव और उम्मीदवार के दृष्टीकोण से कोई जानकारी नहीं है. हर कोई एक दुसरे को ‘करंट पोजीशन’ पुछता रहता है. जवाब में भाजपाई एक दुसरे को ‘कुछ पता नहीं’ वाला कॉमन उत्तर दे रहे है.
आठ दिनों पहले तक प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले सहित प्रदेश के कई छोटे बडे भाजपा नेता खुलेआम कह रहे थे कि नवनीत राणा उनकी उम्मीदवार होगी. समय नजदीक आते-आते अब सुबह शाम नये नये नाम आ रहे है. प्रदेश की इलेक्ट्रॉनिक मिडिया दो तीन दिनों से नवनीत राणा की टिकट कटने की खबरे दे रहा है.
भाजपा ने केवल नवनीत पर दांव खेला है?
अमरावती लोकसभा सीट पर अब तक भारतीय जनता पार्टी चुनाव नहीं लडी थी, दूसरी ओर नवनीत राणा भाजपा के पिछले तीन वर्षो में इतने करीब गई की भाजपा ने नवनीत राणा को अपना उम्मीदवार समझ कर किसी और पर उम्मीदवारी का दांव नहीं खेला. नवनीत राणा भी इसके लिए तैयार है. लेकिन विषय सुप्रीम कोर्ट में जात प्रमाण पत्र के मामले में अटकता दिखाई दे रहा है. सुप्रीम कोर्ट के पिछले एक महिने के निर्णयों को देखते हुए भाजपा को शंका हो रही है कि अदृष्य शक्तियां यहां हर विषय में काम नहीं कर पाएगी और अदृष्य शक्तियों ने काम नहीं किया तो जात प्रमाण पत्र का परिणाम क्या आएगा सबको पता है.
28 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में नवनीत राणा के जात प्रमाण पत्र पर हुई अंतिम सुनवाई को देखकर भाजपा वाले सावधानी पुर्वक निर्णय लेना चाहते है. पेंच फंंसा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के पहले नवनीत राणा का नाम घोषित किया जाए या नहीं. दूसरी तरफ एक खबर यह भी है कि भाजपा ने अपना बी प्लान तैयार कर रखा है. भाजपा की राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात हो चुकी है और आनंदराव अडसुल पर दांव लगाने भाजपा तैयार है. हालांकि अमरावती से भाजपा पार्लियामेंट्री बोर्ड में इच्छुक उम्मीदवारों के जो संभावित नाम भेजे गए थे. उनमें नवनीत राणा के अलावा सिध्दार्थ वानखडे और डॉ. राजीव जामठे के नाम भी है. लेकिन वानखडे और जामठे के नाम केवल खानापूर्ती के लिए भेजे गए, ऐसा भाजपा के स्थानीय नेता स्वयं बताते है.
पुराने भाजपाई नेता चर्चा में बताते है. यह उनकी पार्टी के लिए चिंता की बात है कि अभी तक नवनीत राणा को छोड कर कोई ऐसा पार्टी का कार्यकर्ता उम्मीदवार के रुप में तैयार नहीं हुआ है जिस पर हम जीत का दावा कर सके. वे बताते है कि इसके लिए प्रदेश के और जिले के नेता दोनों जिम्मेदार है. जहां एक ओर फडनणवीस तथा बावनकुले दोनों ने राणा के प्रति हमेशा झुकता माप दिया वहीं जिले के भाजपाई भी राणा के अलावा कोई दूसरा उम्मीदवार तैयार नहीं कर सकें.
नवनीत राणा के अलावा सिध्दार्थ वानखडे और राजीव जामठे के नाम भी पार्टी के कागजों में दर्ज किए गए है लेकिन पार्टी स्वयं इन्हें इतनी गंभीरता से नहीं ले रही. प्लान बी में अडसुल के नाम पर भी दांव खेला जा सकता है. क्योंकि राणा के खिलाफ यहां के पुराने भाजपाईयों ने शिकायत के कई ई मेल अपने वरिष्ठों को भेंजे है. जिले के भाजपाईयों को बाईपास कर प्रदेश के नेता राणा दंपत्ती को प्रोजेक्ट करते रहे है. अब पुरा मामला जात प्रमाण पत्र के निर्णय पर आधारित है. जिस तरह अदृष्य शक्तियों ने सुप्रीम कोर्ट में जात प्रमाण पत्र के मामले की सुनवाई के लिए 29 बार तारीखें दी, यदि रिजल्ट के लिए भी अदृष्य शक्तियां काम कर गई तो निश्चित तौर पर राणा पर ही दांव खेला जा सकता है.
खबरे मिल रही है कि आज राज भाजपा की महत्वपूर्ण बैठक है. इस बैठक में उम्मीदवार का नाम तय हो जाएगा. नवनीत राणा और रवी राणा का खेमा भाजपा की टिकट को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है. जिले के भाजपा नेताओं को प्रतिक्रिया के लिए फोन लगाए जाने पर वे दबे स्वर में यही कहते है कि हमारी इच्छा मायने नहीं रखती. यह मोदी का चुनाव है,यहां हम पार्टी के आदेश का पूरी तरह पालन करेगें.