कौन होगा अमरावती का नया पालकमंत्री?
प्रवीण पोटे, बच्चु कडू, रवि राणा, प्रताप अडसड व श्रीकांत भारतीय के नामों की चर्चा
* राजनीतिक कयासों व अनुमानों का दौर हुआ तेज
अमरावती/दि.1- महाविकास आघाडी का पतन होने के साथ ही राज्य में अब नई सरकार का उदय हो गया है. ऐसे में अब एड. यशोमति ठाकुर के स्थान पर अमरावती के जिला पालकमंत्री पद की जिम्मेदारी किसे दी जायेगी तथा अमरावती जिले से राज्य मंत्रिमंडल में किन-किन विधायकोें को मंत्री अथवा राज्यमंत्री के तौर पर जिम्मेदारी मिलेगी, इसे लेकर चर्चाओं व कयासों का दौर तेज हो गया है तथा मंत्री पद की रेस में रहनेवाले नेताओं के नामों को लेकर अलग-अलग संभावनाएं व अनुमान जताये जा रहे है.
उल्लेखनीय है कि, विगत 21 जून को शिवसेना के गुटनेता एकनाथ शिंदे ने अकस्मात ही अपनी पार्टी के 39 विधायकों को अपने साथ मिलाते हुए पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी. जिसके बाद अगले दस दिन जबर्दस्त राजनीतिक उथल-पुथल से भरे रहे और सेना के 39 विधायकों सहित 10 निर्दलीय विधायकों द्वारा सरकार से समर्थन हटा लिये जाने के चलते उध्दव ठाकरे की सरकार अल्पमत में आ गई. जिसे राज्यपाल द्वारा 30 जून को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा गया, लेकिन इससे एक दिन पहले 29 जून की रात 9.30 बजे उध्दव ठाकरे ने फेसबुक लाईव आते हुए मुख्यमंत्री पद सहित विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दिये जाने की घोषणा की. जिसके चलते 30 जून को होनेवाली ‘फ्लोर टेस्ट’ टली गई और शिंदे गुट ने भाजपा के साथ हाथ मिलाते हुए राज्यपाल के समक्ष नई सरकार बनाने का दावा पेश किया. जिसके पश्चात 30 जून को ही राज्यपाल ने नये मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस को पद व गोपनियता की शपथ दिलाई. जिन्हें आगामी 2 व 3 जुलाई को बुलाये गये विधानमंडल के विशेष अधिवेशन में अपना बहुमत साबित करना होगा. जाहीर है कि, इस दौरान शिंदे एवं फडणवीस द्वारा अपनी सरकार के मंत्रिमंडल का भी गठन किया जायेगा. जिसमें शामिल होनेवाले नामों व चेहरों को लेकर अब चर्चाओं व कयासों का दौर शुरू हो गया है. साथ ही सबसे अधिक चर्चा अब इसी बात को लेकर हो रही है कि, निवर्तमान पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के स्थान पर अमरावती जिले का नया पालकमंत्री कौन होगा?
उल्लेखनीय है कि, नवनियुक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता देवेेंद्र फडणवीस द्वारा उठाये जानेवाले राजनीतिक कदमों को देखते हुए जिले के नये पालकमंत्री के नाम को लेकर अनुमान लगाया जा सकता है, क्योंकि फिलहाल अमरावती जिले में भाजपा से केवल प्रताप अडसड ही एकमात्र विधायक है. यदि उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान मिलता है, तो उन्हें पालकमंत्री पद की जिम्मेदारी भी मिल सकती है. इसके अलावा भाजपा से नजदिकी संबंध रखनेवाले और फडणवीस के बेहद करीबी व विश्वासपात्र रहनेवाले बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के निर्दलीय विधायक रवि राणा को भी यदि मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, तो उन्हें जिला पालकमंत्री पद की जिम्मेदारी मिल सकती है. इसके साथ ही एक और नाम चर्चा में है, जो एकनाथ शिंदे गुट के साथ हाथ मिलाते हुए शिंदे गुट की बगावत को ताकत देनेवाले अचलपुर के निर्दलीय विधायक तथा प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक बच्चु कडू का है. विधायक बच्चु कडू को हमेशा से ही तेज-तर्रार व आक्रामक नेता माना जाता है. जिन्होंने अपने सहयोगी व मेलघाट के निर्दलीय विधायक राजकुमार पटेल के साथ सीधे गुवाहाटी जाकर शिंदे गुट से हाथ मिलाया था. आघाडी सरकार में बच्चु कडू के पास राज्यमंत्री का पद था और वे अकोला के जिला पालकमंत्री भी थे. इस बार उन्हें मंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है और उनके नाम पर अमरावती जिले के पालकमंत्री पद के लिए भी विचार हो सकता है.
इन सब के साथ ही स्थानीय स्वायत्त संस्था निर्वाचन क्षेत्र के पिछले चुनाव में एकतरफा जीत हासिल करते हुए विधान परिषद सदस्य चुने जानेवाले विधायक प्रवीण पोटे भी इससे पहले फडणवीस सरकार में राज्यमंत्री एवं अमरावती के जिला पालकमंत्री रह चुके है. हालांकि बाद में डॉ. अनिल बोंडे को राज्य का कृषि मंत्री बनाने के साथ ही उन्हें जिला पालकमंत्री पद का जिम्मा भी सौंपा गया था. ऐसे मेंं अब पूर्व पालकमंत्री व विधायक प्रवीण पोटे के अनुभव को देखते हुए उन्हें दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. साथ ही उन्हें एक बार फिर जिला पालकमंत्री भी बनाया जा सकता है. इसके अलावा हाल ही में विधान परिषद चुनाव में जीत हासिल करनेवाले श्रीकांत भारतीय का नाम भी पालकमंत्री पद की रेस में है. क्योंकि श्रीकांत भारतीय को भाजपा नेता व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बेहद करीबी माना जाता है. साथ ही श्रीकांत भारतीय अपने संगठनात्मक कौशल्य के लिए जाने जाते है और भाजपा खुद को अमरावती जिले सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र में संगठनात्मक रूप से मजबूत करना चाहती है. ऐसे में मंत्री एवं पालकमंत्री पद के लिए श्रीकांत भारतीय के नाम का भी विचार किया जा सकता है. कुल मिलाकर इस समय अमरावती जिले से वास्ता रखनेवाले कई नामों की मंत्री एवं पालकमंत्री के तौर पर चर्चा चल रही है तथा हर कोई अपना नंबर लगाने के लिए जमकर लॉबींग व फिल्डींग भी कर रहा है.
* बच्चु कडू व रवि राणा हैं कैबिनेट की रेस में
जहां एक ओर यह सवाल लगातार चर्चा में बना हुआ है कि, अमरावती का नया जिला पालकमंत्री कौन होगा. वहीं दूसरी ओर इससे पहले उध्दव सरकार में राज्यमंत्री रह चुके और विगत दिनों मचे राजनीतिक घमासान में पूरी मजबूती के साथ शिंदे गुट का साथ देनेवाले बच्चु कडू तथा विगत विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद पहले दिन से भाजपा के साथ रहते हुए विगत ढाई वर्ष के दौरान शिवसेना से लगातार मोर्चा लेनेवाले विधायक रवि राणा इस समय राज्य का कैबिनेट मंत्री बनने की रेस में बताये जा रहे है और दोनों ही नेताओं को पूरा विश्वास भी है कि, शिंदे-फडणवीस सरकार के मंत्रिमंडल में उनका नंबर लगना तो तय ही है.
उल्लेखनीय है कि, कुछ समय पूर्व ही राज्यमंत्री बच्चु कडू ने आनेवाला समय निर्दलियों का रहने की बात कही थी. जिसके बाद राज्य में अचानक ही राजनीतिक उथल-पूथल का दौर शुरू हुआ. जिसमें शिंदे गुट के साथ रहनेवाले निर्दलीय विधायकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही, चूंकि बच्चु कडू व रवि राणा दोनों ही निर्दलीय विधायक है और नई सरकार में उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण रह सकती है. लेकिन यह भी तय है कि, यदि इन दोनों को मंत्री पद मिलता है, तो अमरावती जिले में खुद भाजपा को मंत्री पद से वंचित रहना पड सकता है. विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत एक सप्ताह से जारी राजनीतिक उथल-पुथल में यह लगभग तय माना जा रहा था कि, नई सरकार में मुख्यमंत्री के तौर पर भाजपा नेता देवेेंद्र फडणवीस द्वारा जिम्मा संभाला जायेगा. लेकिन खुद देवेंद्र फडणवीस द्वारा नये मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे के नाम की घोषणा किये जाने के चलते भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता काफी हद तक हैरान हो गये है और उनमें कुछ हद तक निराशा का माहौल है. ऐसे में स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों द्वारा अमरावती जिले में भाजपा का मंत्री दिये जाने की अपेक्षा व्यक्त की जा रही है, लेकिन अमरावती जिले से दो निर्दलीय विधायक ही मंत्री पद की रेस में है. जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता.
* विदर्भ के हिस्से में आ सकते हैं 11 मंत्री पद!
भाजपा व एकनाथ शिंदे गुट के एकसाथ आ जाने के बाद मुख्यमंत्री पद का जिम्मा एकनाथ शिंदे को सौंपा गया है, जबकि अब तक यह माना जा रहा था कि, देवेंद्र फडणवीस के रूप में एकबार फिर मुख्यमंत्री पद नागपुर सहित विदर्भ के हिस्से में आनेवाला है, लेकिन इस बार विदर्भ के हिस्से में उपमुख्यमंत्री पद आया है, वहीं अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि, नई सरकार में विदर्भ को कुछ अधिक ‘झुकता माप’ मिलेगा तथा करीब 11 मंत्री पद दिये जायेंगे, ताकि विदर्भ क्षेत्र के सभी 11 जिलों को राज्य मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिल सके. जिसके तहत विदर्भ क्षेत्र से वास्ता रखनेवाले सुधीर मुनगंटीवार, चंद्रशेखर बावनकुले, बच्चु कडू, परिणय फुके व संजय कुटे इन अनुभवी नेताओं सहित रवि राणा, समीर मेघे व आशिष जयस्वाल जैसे नये चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.
संभावनाओं के मुताबिक चंद्रशेखर बावनकुले को कैबिनेट मंत्री पद के साथ ही नागपुर जिले का पालकमंत्री पद भी मिल सकता है. वही हिंगणा के विधायक समीर मेघे को राज्यमंत्री के तौर पर अवसर मिल सकता है. हालांकि अगर दक्षिण नागपुर के विधायक मोहन मते को मौका मिलता है, तो समीर मेघे के लिए दिक्कत पैदा हो सकती है. वहीं दूसरी ओर निर्दलीय गुट से रामटेक के विधायक आशिष जयस्वाल अथवा भंडारा के विधायक नरेंद्र भोंडेकर में से किसी एक को मौका मिल सकता है. इसके साथ ही शिवसेना के खिलाफ अकेले ही संघर्ष का मोर्चा खोलनेवाले और शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे से लोहा लेनेवाले राणा दम्पति को भी नई सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जा सकता है. जिसके चलते विधायक रवि राणा को राज्य मंत्रिमंडल में मौका मिल सकता है. वहीं यवतमाल के विधायक संजय राठोड को एक बार फिर मंत्री पद देकर उनका राजनीतिक पुनर्वास हो सकता है.