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किसका होगा लाभ, चुनावी गठजोड को लेकर कयास

अकेले लडने पर भाजपा को सफलता

* कांग्रेस कभी 82 से आगे नहीं बढी
मुंबई/दि. 20 – विधानसभा चुनाव तिथियों की घोषणा अगले माह हो सकती है. इस बीच चुनावी गठजोड को लेकर नाना प्रकार की अटकले शुरु हो गई है. राजनीतिक जानकारों को इस बात का गणित लगाते देखा जा रहा है कि, कांग्रेस और भाजपा को गठबंधन का लाभ होगा या हानी? कांग्रेस गत 25 वर्षो में 82 से अधिक स्थान राज्य में नहीं जीत पाई है. वहीं भाजपा के बारे में कहा जा रहा है कि, अकेले लडने पर भाजपा बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. भाजपा ने 2014 में 125 सीटों पर कब्जा किया था. हालांकि वह करीब तीन दशको तक शिवसेना को साथ लेकर गठजोड में लड चुकी है. आज प्रदेश के सियासी हालात काफी बदल गए हैं. जिससे कई प्रकार की बाते और समीकरण के दावे किए जा रहे हैं.
* कांग्रेस 1995 में स्व बल पर
कांग्रेस ने 1995 में आखरी बार अपने बलबूते चुनाव लडा था. उस समय 80 स्थान पर वह सफल रही थी. उपरांत 1999 में राकांपा के साथ मिलकर कांग्रेस ने 75 स्थान जीते और शरद पवार की पार्टी के साथ राज्य में आघाडी के रुप में चुनाव लडा एवं विजयी रही थी. उपरांत 2004 में कांग्रेस को 69 और राकांपा को 71 स्थान मिले थे.
* 2014 में मात्र 42 सीटें
2009 के चुनाव में कांग्रेस ने 82 स्थान जीते थे. यह उसका गत 30 वर्षो में सर्वोच्च प्रदर्शन रहा. वहीं 2014 में कांग्रेस केवल 82 सीटें जीत सकी. यही स्थिति 2019 के चुनाव में रही. जब पंजे के 44 विधायक चुने गए.

* 1995 में निर्दलीयों की कमाल
महाराष्ट्र के इतिहास में 1995 में सर्वाधिक 45 निर्दलीय विधायक चुने गए थे. इन विधायकों ने तत्कालीन मनोहर जोशी के नेतृत्वावाली युति सरकार का समर्थन किया था. पिछले चुनाव में 13, 2014 में 7 और 2009 में 24 निर्दलीय विधायक चुने गए थे.

* आज तक निर्दलीयों की सीटें
1962 – 15
1967 – 16
1972 – 23
1978 – 28
1980 – 10
1985 – 20
1990 – 13
1995 – 45
1999 – 12
2004 – 19
2009 – 24
2014 – 07
2019 – 13

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