पोषण आहार का पानी किसने भरना और साफसफाई किसने करना?
शिक्षा विभाग ने काम की जिम्मेदारी की निश्चित
* जिला परिषद शाला के शिक्षकों का टेंशन कम
अमरावती/दि. 6– पोषण आहार के लिए मानधन पर लिए गए रसोईए और सहायक को क्या-क्या काम करना है, इस बाबत अब निश्चित किया गया है. इस कारण शिक्षकों का टेंशन कम हुआ है. काम को लेकर शाला में होने वाले विवाद पर अब विराम लगने वाला है. इसके पूर्व शालेय पोषण आहार बनाने का काम ही रसोईए और सहायक का था. इस कारण आहार के लिए लगने वाला साहित्य, सब्जी किसने लाना आदि बात को लेकर गुरुजी और सहायक के बीच विवाद हुआ था. उसे टालने के लिए शिक्षा विभाग ने हाल ही में इस काम के लिए जिम्मेदारी निश्चित की है.
जिले में जिला परिषद शाला के पहली से पांचवीं तक 1 लाख 43 हजार 223 तथा छठवीं और आठवी तक 1 लाख 3 हजार 233 ऐसे कुल 2 लाख 46 हजार 456 विद्यार्थियों को पोषण आहार का लाभ दिया जाता है. शालेय पोषण आहार में चावल, चिक्की, मसाला चावल, राजगीरा लड्डू, बिस्किट, केले, अंडे और आमटी देेने का निर्णय शासन ने लिया है. पहले शिक्षक को ही पानी से लेकर बैठक व्यवस्था व स्वच्छता करना अनिवार्य था. अब यह काम रसोईए और सहायक को करने पडेंगे. इस कारण गुरुजी का टेंशन कम हुआ है.
* रसोईए और सहायक को यह काम करने पडेंगे
निश्चित समय पर पोषण आहार पकाना, चावल तथा अन्य अनाज के माल की सफाई करना, विद्यार्थियों को भोजन स्थल पर आहार वितरण, आहार सेवन होने के बाद वहां और रसोई घर की सफाई और शेष अनाज को सुरक्षित रखना, बर्तन की स्वच्छता, पेयजल भकर विद्यार्थियों को वितरित करना, शाला के परसबाग निर्मिती व देखरेख के लिए सहयोग करना.
* काम पर अमल करने के निर्देश
रसोईए और सहायक के काम की जिम्मेदारी शासन ने निश्चित कर दी है. इस पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं.
– नरेंद्र गायकवाड,
शालेय पोषण आहार अधीक्षक