अमरावतीमहाराष्ट्र

बडे बकायदारों की सजा पूरे मोहल्ले को

मजीप्रा काट देगा कालोनी का पानी कनेक्शन

* शहरवासियों की ओर करोडों रुपयों की पानी पट्टी है बकाया
अमरावती/दि.16– अप्पर वर्धा बांध से अमरावती व बडनेरा शहर को पेयजल की आपूर्ति होती है. इस हेतु वर्ष 1994 में जलवाहिणी निर्मित की गई थी. जो अब काफी पुरानी हो गई है. साथ ही गर्मी के दिनों के दौरान यह जलवाहिनी अक्सर फूट भी जाया करती है. ऐसे में इस जलवाहिनी को तत्काल बदले जाने की जरुरत है. इस हेतु अमृत-2 योजनांतर्गत 985.49 करोड रुपयों के कामों को सरकार द्वारा हाल ही में मंजूरी दी गई. जिसमें से 295.64 करोड रुपए खुद महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण को अपने स्तर पर उपलब्ध कराने है. ऐसे में यह रकम पानीपट्टी यानि पानी के देयकों के जरिए वसूल करने का काम जीवन प्राधिकरण द्वारा शुरु किया गया है और शहर के सभी छोटे-बडे बकायाधारकों से पानी के बकाया बिलों की वसूली की जा रही है.

शहर में नल कनेक्शन धारकों की ओर मजीप्रा की 214 करोड रुपयों की थकबाकी है. जिसे वसूल करने हेतु मजीप्रा ने अब तक कई बार बकाये की अदायगी के लिए आवाहन किया है. परंतु इसे बकायेदार नल कनेक्शन की ओर से अपेक्षित प्रतिसाद नहीं मिला है. ऐसे मेें बकायेदार ग्राहकों के नल कनेक्शन काटने के साथ ही जिन इलाकों में 90 फीसद से ज्यादा बकायादार ग्राहक है, उन इलाकों की जलापूर्ति पूरी तरह से बंद करते हुए शेष 10 फीसद ग्राहकों को टैंकरों के जरिए जलापूर्ति करने का निर्णय मजीप्रा द्वारा लिया गया है. साथ ही अवैध नल कनेक्शन धारकों द्वारा दंड की राशि भरते हुए नल कनेक्शन को वैध नहीं करने पर उनके खिलाफ फौजदारी कार्रवाई करने की शुरुआत भी मजीप्रा द्वारा की जा चुकी है.

* सरकारी कार्यालयों की ओर भी करोडों का बकाया
शहर में सर्वसामान्य नागरिकों के साथ-साथ सरकारी कार्यालयों की ओर भी मजीप्रा के करोडों रुपए के देयक बकाया है. एक ओर तो मजीप्रा द्वारा सर्वसामान्य बकायाधारकों से देयकों की वसूली के लिए तमाम कडे कदम उठा रही है. वहीं दूसरी ओर सरकारी महकमों से बकाया बिलों की वसूली के लिए उस स्तर पर प्रयास नहीं हो पा रहे.

* किस सरकारी कार्यालय की ओर कितने रुपए बकाया
         कार्यालय                  बकाया रकम
पुलिस आयुक्त कार्यालय         8.81 लाख
ग्रामीण पुलिस                       5.42 लाख
समाज कल्याण                     10.13 लाख
जिला स्त्री रुग्णालय                42.47 लाख
सुपर हॉस्पिटल                     12.20 लाख
जिला सामान्य रुग्णालय           250 लाख
जिला कारागृह                         4 लाख
बांधकाम विभाग                   40.44 लाख
कमिश्नर ऑफिस वसाहत         450 लाख
महावितरण विभाग                  10 लाख
बीएसएनएल                           10 लाख
कृषि विभाग                           250 लाख

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