अमरावतीमुख्य समाचार

3.50 करोड की रकम आखिर किसकी?

कोर्ट ने नीना शाह की याचिका को किया खारीज

*आयकर विभाग के विशेष वकील का युक्तिवाद माना गया ग्राह्य
* राजापेठ पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान पकडी थी हवाला की रकम
अमरावती/दि.17– स्थानीय राजापेठ पुलिस ने विगत वर्ष 27 जुलाई को फरशी स्टॉप चौक परिसर में नाकाबंदी के दौरान दो वाहनों से करीब 3 करोड 50 लाख रूपयों की नकद रकम बरामद की थी. जिसके बाद मूलत: गुजरात निवासी नीना कमलेश शाह नामक महिला ने खुद होकर आगे आते हुए इस रकम पर अपना दावा जताया था और यह रकम खुद को वापिस दिये जाने की मांग को लेकर स्थानीय अदालत में अपने वकीलों के जरिये आवेदन दायर किया था. जहां हुई सुनवाई के बाद अदालत ने नीना शाह के आवेदन को खारीज कर दिया और साढे 3 करोड रूपयों  ऐसे में अब सबसे बडा सवाल यह है कि, फिलहाल आयकर विभाग की कस्टडी में मौजूद साढे 3 करोड रूपयों की यह रकम किसकी है. बता दें कि, स्थानीय पुलिस सहित हवाला व्यवसाय में लिप्त लोगों का ध्यान इस मामले को लेकर अदालत द्वारा सुनाये जानेवाले फैसले की ओर लगा हुआ था.
ज्ञात रहे कि, 27 जुलाई 2021 को फरशी स्टॉप परिसर में तडके ढाई-तीन बजे के आसपास की गई कार्रवाई में राजापेठ पुलिस ने दो वाहनों में छिपाकर ले जायी जा रही साढे 3 करोड रूपयों की रकम बरामद की थी. साथ ही इस मामले में करीब चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. जिन्हें बाद में जमानत भी मिल गई. वहीं गुजरात के अहमदाबाद में रहनेवाली नीना कमलेश शहा आगे आते हुए कई दस्तावेज पेश किये और पुलिस द्वारा पकडी गई रकम पर दावा भी पेश किया. इस दौरान न्यायालयीन निर्देश पर यह पूरी रकम पहले जिला कोषागार कार्यालय और फिर नागपुर स्थित आयकर विभाग को हस्तांतरित कर दी गई थी तथा आयकर विभाग ने नीना शहा को इस रकम के संदर्भ में सभी वैध दस्तावेज लेकर आयकर विभाग के समक्ष उपस्थित रहने हेतु कई बार समन्स जारी किये थे. किंतु नीना शहा नागपुर आयकर विभाग के समक्ष उपस्थित नहीं हुई.
इसी बात को लेकर नागपुर आयकर विभाग के विशेष वकील अमोल जलतारे ने न्यायालय में युक्तिवाद करते हुए कहा कि, बार-बार सूचित करने के बावजूद आयकर विभाग के समक्ष उपस्थित नहीं रहनेवाली नीना शहा के आर्थिक व्यवहार बेहद संदेहास्पद है. साथ ही साढे 3 करोड रूपये की रकम नीना शहा द्वारा अमरावती में किस व्यक्ति को दी जानी थी और इस रकम का व्यवहार क्यो किया जाना था, इसकी जानकारी भी नीना शहा द्वारा नहीं दी गई है. इसके अलावा नोट बंदी काल के बाद इतनी बडी नकद रकम कहां से और क्योें लायी गई, इसकी जानकारी भी नहीं दी गई है. वहीं नीना शहा द्वारा आयकर रिटर्न को लेकर दिये गये दस्तावेज भी फर्जी है. साथ ही शहा दम्पत्ति ‘हैबिच्युअल क्लेमेंट’ है. अत: उनके दावे को खारिज किया जाये. एड. जलतारे द्वारा किये गये इस युक्तिवाद को कोर्ट द्वारा ग्राह्य मानते हुए नीना शहा की ओर से किये गये दावे को खारिज कर दिया गया. ऐसे में अब राजापेठ पुलिस द्वारा जप्त की गई रकम नागपुर आयकर विभाग के पास ही रहेगी. किंतु यह रकम किसकी है, अब इसे लेकर सवालिया निशान बन गया है.

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