फिशरिज हब की निविदा नहीं खोलने के पीछे किसका दबाव
पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने उठाया सवाल
* मनपा प्रशासन को दिलाई मत्स्योद्योग महामंडल के निर्देश की याद
अमरावती/दि.06– अमरावती जिले सहित संपूर्ण पश्चिम विदर्भ के मीठे पानी में मच्छीमारी करने वाले मच्छीमार कोली व भोई समाजबंधुओं हेतु बेहद महत्वाकांक्षी साबित होने वाले फिशरिज हब व फिश मार्केट प्रकल्प के कोल्ड स्टोरेज व आईस प्लाँट के यांत्रिक कामों की निविदा खोलने की तारीख बीते 2 माह का समय बीत चुका है. लेकिन उसके बावजूद अब तक मनपा प्रशासन ने इस निविदा को खोलकर आगे की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है. जिसे लेकर सवालियां निशान उठाते हुए पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने मनपा प्रशासन से जानना चहा है कि, क्या मत्स्योद्योग महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक द्बारा इस संदर्भ में जारी किए गए निर्देशों को मनपा प्रशासन ने कचरे की टोकरी दिखा दी है. साथ ही उन्होंने इस बात को लेकर भी सवाल उपस्थित किया है कि, आखिर किस दबाव के चलते उक्त निविदा अब तक नहीं खोली गई है और वर्ष 2018 से शुरु किए गए इस प्रकल्प को मनपा प्रशासन द्बारा विगत एक वर्ष से क्यों लटकाकर रखा गया है.
इस संदर्भ में यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख की ओर से कहा गया कि, स्थानीय मछुआरों द्वारा उत्पादित मछली प्रक्रिया कर भंडारण क्षमता में वृद्धि करते हुये उसका मूल्य संवर्धन और उनकी आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में खुद उनके ही प्रयासों से 22 करोड़ रुपए की शासकीय निधि इस प्रकल्प के लिए मंजूर की गई थी. इसके लिए अमरावती महानगरपालिका को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया और परियोजना के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई. बडनेरा में फिशरीज हब यह मछली प्रक्रिया प्रकल्प, कोल्ड स्टोरेज और बडनेरा के शुक्रवार बाजार और सोमवार बाजार में आधुनिक फिश मार्केट निर्माण करने का यह प्रकल्प है. इसमें 2018 से अब तक पांच वर्षों में केवल सिविल निर्माण ही पूरा हो सका है. जिसमें प्रकल्प का मूल यह कोल्ड स्टोरेज और प्रसंस्करण सामग्री का है. मार्च 2022 में मनपा ने यांत्रिक पहलुओं को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू की थी.
पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने आरोप लगाया है कि, उस समय महानगरपालिका प्रशासन ने एक विशिष्ट ठेकेदार को ध्यान में रखते हुए बिना किसी उन्नत तकनीकी ज्ञान, उच्च गुणवत्ता मापदंड का उल्लेख किये बगैर निविदा प्रकाशित कर खरीदी प्रक्रिया शुरू कर दी थी. यह बात ध्यान में आने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र मत्स्योद्योग महामंडल (एमएफडीबी) के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से संपर्क किया. जब वे स्नातक चुनाव के पर्यवेक्षक के रूप में अमरावती आये थे. उन्होंने उनसे उक्त परियोजना की प्रगति और मशीनरी की खरीदी को लेकर चर्चा की थी. यांत्रिक सामग्रियों की आपूर्ति करते समय, विशिष्ट ठेकेदार के हित में यह तकनीकी रूप से आधुनिक, उच्च गुणवत्ता वाला और रखरखाव मरम्मत के साथ होना चाहिए. इस अत्यंत महत्वपूर्ण मापदंड का उल्लंघन किया. घटिया दर्जे की यंत्र सामग्री खरीदने की साजिश थी केवल विशिष्ट ठेकेदार के हित को सामने रखकर दुय्यम और घटिया दर्जे की यंत्र सामग्री खरीदने का प्रयास मनपा प्रशासन द्वारा किये जाने का तथ्य भी डॉ. सुनील देशमुख ने संज्ञान में लाकर दिया. ऐसा यदि हो जाता तो संपूर्ण प्रकल्प ही बाधित होकर यह परियोजना पूरी तरह से केवल सफेद हाथी बनकर रह जाती. मत्स्योद्योग महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक पंकज कुमार के भी संज्ञान में यह बात आ गई. उन्होंने इस घटिया दर्जे की यंत्र सामग्री की संपूर्ण निविदा प्रक्रिया तत्काल स्थगित करने के निर्देश 1 फरवरी 2023 को महानगरपालिका प्रशासन को दिये.
नई यंत्र सामग्री और आधुनिक तकनीकी ज्ञान की पड़ताल करने की कार्रवाई मत्स्योद्योग महामंडल द्वारा किये जाने के भी आदेश जारी किये. साथ ही इसी क्रम में पंकज कुमार ने 23 मई 2023 को निगमायुक्त को पत्र लिखकर इस प्रकल्प के लिये तकनीकी सलाहकार व्हिर्गा एक्वा और अन्य दो विशेषज्ञ महाविद्यालयों की ओर से तकनीकी सहयोग लेकर आधुनिक तकनीकी ज्ञान युक्त कॉम्प्रेशर व नई यंत्र सामग्री खरीदने के लिये रिवाईज टेक्निकल पेसिफिकेशन की तर्ज पर निविदा प्रक्रिया चलाने के निर्देश दिये. तकनीकी सलाहकार के मापदंडों से कोई समझौता नहीं करते हुये निविदा प्रक्रिया निपटाने के आदेश भी निगमायुक्त को जारी किये. इस तरह डॉ. सुनील देशमुख की समय सूचकता से दुय्यम दर्जे की घटिया यंत्र सामग्री खरीदने की मनपा प्रशासन की साजिश नाकाम कर दी. फलस्वरूप अमरावती महानगरपालिका ने 30 जून 2023 को महाराष्ट्र मत्स्योद्योग महामंडल द्वारा निर्देशित किये गये आधुनिक मापदंडों के अनुसार निविदा प्रक्रिया की नये से शुरुआत की.
निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर यह निविदा 5 अगस्त 2023 को ओपन करने का क्रम प्राप्त था, लेकिन मनपा प्रशासन द्वारा तब से अक्षम्य लापरवाही बरती जा रही है. टाइमपास नीति पर अमल किये जाने के कारण अभी तक निविदा प्रक्रिया पूर्ण नहीं की है. इस बीच 19 अगस्त 2023 को डॉ. सुनील देशमुख ने मत्स्योद्योग महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक पंकज कुमार को पत्र लिखकर महानगरपालिका की लापरवाही और वर्तमान परिस्थिति से अवगत कराया था. जिसके कारण 4 सितंबर 2023 को पंकज कुमार ने महानगरपालिका प्रशासन को निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर इसकी रिपोर्ट महामंडल को पेश करने के लिखित आदेश दिये थे. इतना ही नहीं, बल्कि इसके पूर्व अमरावती जिले के मछलीमार भाइयों के प्रतिनिधि मंडल ने निविदा प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने पर फिशरीज हब प्रकल्प में हो रही देरी को लेकर निगमायुक्त से प्रत्यक्ष भेंट कर तत्काल कार्रवाई के लिये निवेदन भी पेश किया था. उसके बाद भी मनपा प्रशासन टेंडर ओपन करने में टालमटोल कर रहा है. यह अत्यंत गंभीर मामला है. पिछले दिनों महानगरपालिका में विभिन्न निविदा प्रक्रिया में की गई गड़बड़ी का संपूर्ण शहर भी अनुभव ले चुका है. इसके संदर्भ में अखबारों में खबरें भी प्रकाशित हो चुकी हैं.
* 3 प्रमुख सवालों के मांगे जवाब
पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने महानगरपालिका प्रशासन की टाइमपास नीति को लेकर तीन प्रमुख सवाल उठाते हुए उनके जवाब मांगे. डॉ. देशमुख द्बारा पूछा गया है कि,
1) निविदा ओपन नहीं करने के पीछे किसका दबाव है?
2) इस प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब कर परदे के पीछे घटिया और दुय्यम दर्जे की यंत्र सामग्री खरीदी कर संपूर्ण प्रकल्प बाधित करने की साजिश है क्या?
3) यदि नहीं तो निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने में लापरवाही क्यों बरती जा रही है?
उपरोक्त सवालों को महत्वपूर्ण बताते हुए डॉ. सुनील देशमुख ने कहा कि, इन सभी प्रश्नों के उत्तर अमरावती की जनता और प्रकल्पपूर्ण होने की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे मछलीमार भाइयों को मिलना आवश्यक है. इसी तरह तत्काल निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर पहले ही देरी झेल रहा प्रकल्प जल्द से जल्द पूर्ण कर मछलीमार भाइयों के उपयोग में लाना आवश्यक है. ऐसा भी डॉ. सुनील देशमुख ने जारी बयान में कहा है.