अमरावती

क्यों गुस्सैल होते जा रहे है छोटे बच्चे

अमरावती / दि. 4– अमूमन एक व्यस्क व्यक्ति को जितना गुस्सा आता है उससे दो गुना गुस्सा छोटे बच्चों को आता है. वही इन दिनों अभिभावकों व बच्चों के बीच नहीं के बराबर रहनेवाले संवाद की वजह से भी बच्चों में चिडचिडेपन और गुस्से का प्रमाण बढता जा रहा है. साथ ही मोबाइल के अति प्रयोग व अन्य बच्चों में मेलजोल नहीं होने की वजह से बच्चों में अकेलेेपन का प्रमाण बढ रहा है और इस वजह से भी बच्चे दिनों दिन गुस्सैल होते जा रहे है, ऐसे में अभिभावकों ने बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए और उनका ध्यान मोबाइल से हटाकर उन्हें मैदानी खेलों के साथ जोडना चाहिए.

* बच्चों में गुस्सा बढने के कारण
– मोबाइल का अति प्रयोग
इन दिनों जैसे ही कोई छोटा बच्चा रोना शुरू करता है तो उसके अभिभावक उसे शांत और चुप कराने हेतु उसके हाथ में मोबाइल पकडा देते है. उस वजह से धीरे- धीरे बच्चों को मोबाइल की आदत लग जाती है और जब अभिभावकों द्बारा मोबाइल वापिस लिया जाता है तो वे गुस्से से भर जाते है.
– संयुक्त परिवार पध्दति का अभाव
इन दिनों कई स्थानों पर संयुक्त परिवार की पध्दति नहीं बची. वहीं एकल परिवारों में भी पति-पत्नी कामकाजी रहते है और अपने बच्चों को पालनाघर में रखते है, ऐसे बच्चे भी अकेलेपन का शिकार होकर धीरे-धीरे चिडचिडे और गुस्सैल हो जाते है.
-माता-पिता की व्यस्तता
दौडभाग भरे इस दौर में माता व पिता दोनों ही काम पर जाते है और वे अपनी व्यवस्तता के चलते बच्चों को अपेक्षित समय नहीं दे पाते. जिसके चलते अभिभावको व बच्चों में अपेक्षित संवाद नहीं हो पाता. इस वजह से भी बच्चे अकेलेपन का शिकार होकर चिडचिडे व गुस्सैल हो जाते है.

बच्चों के लिए अभिभावकों द्बारा पर्याप्त समय दिया जाना बेहद आवश्यक है. साथ ही बच्चों को शांत करने के लिए उन्हें मोबाइल देने की नहीं बल्कि उनसे बातचीत करने की जरूरत होती है. इसके साथ ही बच्चों की सभी जिद और मांग को पूरा करने की बजाय उन्हें आवश्यक वस्तुए ही दी जानी चाहिए. साथ ही उन्हें दूसरे बच्चों के साथ मैदानी खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी होता है.
अमिता दुबे
क्लीनिकल सायकोलॉजिस्ट

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