अमरावतीमहाराष्ट्र

टोल नाके पर क्रेन, जेसीबी क्यों नहीं?

नांदगांव पेठ एमआईडीसी अध्यक्ष का वाजिब सवाल

* संदर्भ रविवार के एसटी बस हादसे का
अमरावती/दि.27- नांदगांव पेठ गांव से ठीक पहले आईआरबी का टोल नाका बना तब से ही विवादों को जन्म देता रहा है. आज दशकभर से अधिक समय इस टोल नाके को हो गया है, फिर भी यहां मूलभूत सुविधाओं के अलावा कुछ नहीं है. मूलभूत सुविधाओं टायलेट आदि का प्रबंध हाल ही में पूर्ण हुआ है. पहले तो उसका भी अभाव था. रविवार को एक बडा अभाव परिलक्षित हुआ. उसके अनुसार टोल नाके पर क्रेन,जेसीबी और हैड्रा मशीनें नहीं थी. जबकि जानकारों का कहना है कि, हाईवे पर सडक दुर्घटना की आशंका को देखते हुए टोल नाके पर यह मशीनें हर समय मुस्तैद रहनी चाहिए. इसके लिए नांदगांव पेठ एमआईडीसी एसो. के अध्यक्ष अफाक हुसैन सूभेदार ने आवाज उठाई है. उनका कहना है कि, टोल वसूली के साथ आईआरबी की यह जिम्मेदारी है कि, किसी आपात स्थिति में वह इन मशीनों की सहायता से लोगों की जानमाल की तत्पर सुरक्षा कर सके.

* चली जाती युवती की जान
अफाक हुसैन ने अमरावती मंडल से बातचीत में रविवार सबेरे की घटना का उल्लेख किया. बीच रास्ते मवेशी आ जाने से एसटी निगम की शिवशाही बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसे में दो मुसाफिरों की जान चली गई. 10-11 यात्री जख्मी हो गये. इसी समय बस के नीचे एक युवती दब गई थी. उसे निकालने के लिए जेसीबी या हाईड्रो की आवश्यकता पडी. टोल नाके पर पूछपरख की तो वहां कोई भी मशीनरी नहीं रहने का आरोप अफाक हुसैन ने किया. उन्होंने कहा कि, थोडी देर और हो जाती है, तो युवती की जान चली जाती.

* युवती का जीवट, लोगों ने लायी जेसीबी
अफाक हुसैन ने बताया, किसी तरह लोगों ने ही जेसीबी अरेंज की और बस के नीचे दबी युवती को निकाला. फौरन अस्पताल भेजा. अभी भी युवती की दशा चिंताजनक है. अफाक हुसैन के अनुसार युवती की जीजिविषा के कारण वह इस भयंकर दुर्घटना और उसके बाद लगभग घंटाभर बस के नीचे फंसे रहने पर भी बच गई. एमआईडीसी एसो. के अध्यक्ष ने टोल नाके पर जेसीबी, हाईड्रो और के्रन की व्यवस्था हर समय उपलब्ध कराने की मांग रखी.

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