शहर में अचानक इतने सक्रिय क्यों हो गए सांसद वानखडे?
मनपा चुनाव की घोषणा होते ही कांग्रेस ‘एक्टीव मोड’ पर

* मनपा व मजीप्रा में एक के बाद एक दनादन बैठकों का दौर
अमरावती/दि.13 – अप्रैल 2024 में यानि एक वर्ष पहले अमरावती लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर निर्वाचित हुए सांसद बलवंत वानखडे अपने निर्वाचन पश्चात पिछले एक वर्ष के दौरान अमुमन कहीं पर भी दिखाई नहीं दिया करते थे. लेकिन अब विगत तीन-चार दिनों से सांसद वानखडे अमरावती शहर में अचानक ही अच्छे-खासे सक्रिय दिखाई दे रहे है और शहरवासियों की समस्याओं व मूलभूत सुविधाओं जैसे मुद्दों को लेकर महानगर पालिका व मजीप्रा के अधिकारियों के संग बैठक करते दिख रहे है. साथ ही ऐसी बैठकों में वे संबंधित महकमों के अधिकारियों को कामकाज चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए खडे बोल भी सुना रहे है. जिसके चलते आम शहरवासियों द्वारा इस बात को लेकर आश्चर्य जताया जा रहा है कि, आखिर लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद विगत एक वर्ष के दौरान लगभग गायब रहे सांसद बलवंत वानखडे अब अचानक ही इतने अधिक सक्रिय क्यों हो गए.
उल्लेखनीय है कि, पिछले महिने ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के अगले चार माह के भीतर महानगर पालिका सहित सभी स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव कराने का आदेश जारी किया है. जिसके चलते हरकत में आकर राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रभाग रचना की प्रक्रिया का टाइम टेबल भी घोषित कर दिया है. इसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि, आगामी अक्तूबर माह तक महानगर पालिका के चुनाव करा लिए जाएंगे. ऐसे में अमरावती महानगर पालिका की सत्ता हासिल करने के लिए शहर कांग्रेस के पदाधिकारी पूरी तरह से ‘एक्टीव मोड’ में आ गए है और शहर कांग्रेस के पदाधिकारियों विशेषकर कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत व पूर्व महापौर विलास इंगोले ने ही ‘तुरुप के इक्के’ के तौर पर अब सांसद बलवंत वानखडे को मैदान में उतरते हुए एकतरह से ‘हुकमी दांव’ खेला है. ताकि मनपा की सत्ता को कांग्रेस द्वारा एक बार फिर हासिल किया जा सके.
ज्ञात रहे कि, वर्ष 2017 से पहले तक अधिकांश समय अमरावती मनपा में कांग्रेस की ही राकांपा के साथ मिलकर सत्ता रही और इक्का-दुक्का अवसरों को छोडकर ज्यादा तर समय मनपा में महापौर, उपमहापौर व स्थायी समिति सभापति जैसे महत्वपूर्ण पद कांग्रेस व राकांपा की आघाडी के पास रहे. इसमें भी कांग्रेस का पलडा हमेशा ही थोडा भारी रहा. परंतु वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा ने तत्कालीन राजनीतिक परिस्थितियों के दम पर 87 में से रिकॉर्ड 45 सीटों पर जीत हासिल करते हुए कांग्रेस को मनपा की सत्ता से पूरी तरह बेदखल कर दिया था. ऐसे में अब कांग्रेस द्वारा मनपा की सत्ता को हासिल करने के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है. जिसके तहत मनपा के आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए अब शहर कांग्रेस पूरी तरह से ‘एक्टीव मोड’ में आ गई है. संभवत: यही वजह है कि, विगत एक वर्ष से कहीं पर भी दिखाई नहीं देनेवाले जिले के कांग्रेसी सांसद बलवंत वानखडे भी अब जमकर सक्रिय हो गए है और एक के बाद एक दनादन बैठकें करने के साथ ही जनता की समस्याओं को लेकर मनपा व मजीप्रा के अधिकारियों को जमकर आडेहाथ ले रहे है. जिनकी सक्रिया को देखकर हर कोई काफी हद तक हैरत में है.
* वडाली व छत्री तालाब तथा बांबू गार्डन पर कब देंगे ध्यान
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, सांसद बलवंत वानखडे द्वारा अलग-अलग महकमों के साथ की जा रही बैठकों के तहत शहर के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों की समस्याओं को लेकर विशेष जोर व खास ध्यान दिया जा रहा है. चूंकि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों को कांग्रेस का अच्छा-खासा वोट बैंक माना जाता है. जिसके चलते विशिष्ट इलाकों की ओर ध्यान दिए जाने की वजह से सांसद वानखडे की बैठकों का संबंध सीधे मनपा के आगामी चुनाव के साथ जोडा जा रहा है. खास बात यह भी है कि, शहर की समस्याओं को लेकर मनपा के साथ आयोजित सांसद वानखडे की बैठक में शहर के छत्री तालाब व वडाली तालाब सहित बांबू गार्डन जैसे मुद्दों का कोई उल्लेख नहीं हुआ. जबकि शहर में स्थित इन तीनों रमनीय स्थलों की दुरावस्था किसी से छिपी नहीं है और इन तीनों स्थानों के विकास कार्य व सौंदर्यीकरण संबंधी काम विगत लंबे समय से प्रलंबित पडे है.
* सक्रियता में कोई कमी नहीं, पहले ग्रामीण क्षेत्र देखे, अब शहर पर ध्यान
इस संदर्भ में जानकारी व प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किए जाने पर जिले के कांग्रेसी सांसद बलवंत वानखडे ने कहा कि, सांसद निर्वाचित होने के बाद वे शुरु से ही अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित कामों को लेकर पूरी तरह से सक्रिय है और उनकी सक्रियता में कभी कोई कमी नहीं रही. सांसद निर्वाचित होने के उपरांत उन्होंने सबसे पहले निर्वाचन क्षेत्र में शामिल तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को लेकर तहसीलस्तरिय बैठके करनी शुरु की थी. साथ ही इससे पहले वे लगभग सभी विषयों को लेकर अमरावती शहर के बारे में भी प्रशासन के साथ एक-दो बार बैठके कर चुके है. परंतु ऐसी बैठकों का उन्होंने कोई गाजाबाजा नहीं किया था. परंतु अब कुछ चुनिंदा विषयों को लेकर नागरिकों की ओर से मिली शिकायतों के चलते सार्वजनिक तौर पर पहली बार मनपा, मजीप्रा व महावितरण के साथ बैठके हुई है. जिनकी खबरे अखबारों के जरिए सामने आई है. परंतु इसका यह मतलब नहीं कि, वे अब तक सक्रिय नहीं थे और अब अचानक ही सक्रिय हुए है.
* सांसद वानखडे की मीटिंग हमने ही तय करवाई थी, चुनाव से कोई लेना-देना नहीं
वहीं इस संदर्भ में कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत ने बताया कि, शहर में व्याप्त कचरे व गंदगी की समस्या के बारे में मनपा को, अनियमित जलापूर्ति की समस्या के बारे में मजीप्रा को तथा अनियमित विद्युत आपूर्ति के बारे में महावितरण को कांग्रेस द्वारा 8 से 10 बार ज्ञापन व निवेदन देकर आंदोलन भी किए गए थे. लेकिन ‘निगरघट्ट’ हो चुके संबंधित विभागों के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी और स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा आम जनता से संबंधित इन समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे में शहर कांग्रेस कमिटी ने ही सांसद बलवंत वानखडे से मुलाकात करते हुए उनका ध्यान इन समस्याओं की ओर दिलाया और संबंधित महकमों के साथ बैठकों हेतु उनका समय मांगा. जिसके बाद पिछले सप्ताह से सांसद वानखडे की अलग-अलग महकमों के साथ बैठकें होना शुरु हुई. जिसके अब सार्थक परिणाम भी दिखाई दे रहे है. बबलू शेखावत के मुताबिक जब मनपा चुनाव को लेकर कोई घोषणा भी नहीं हुई थी, तब से शहर कांग्रेस कमिटी कचरे व गंदगी की समस्या सहित अपर्याप्त जलापूर्ति व अनियमित विद्युत आपूर्ति को लेकर आवाज उठा रही है और विगत एक सप्ताह से सांसद वानखडे की बैठकों का दौर चल रहा है. ऐसे में इसे मनपा के आगामी चुनाव के साथ जोडकर नहीं देखा जाना चाहिए.