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राणा-आंबेडकर के बीच क्यों बिगडा मामला?

कल तक आंबेडकर का था राणा को वरदहस्त

* राणा ने फ्रॉड वाले बयान के बाद क्यों नहीं किया पलटवार
अमरावती/दि.13 – जिले की सांसद नवनीत राणा तथा बडनेरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक रवि राणा ने जब से राजनीति में कदम रखा है. तब से उनके एड. प्रकाश आंबेडकर के साथ हमेशा ही अच्छे संबंध रहते आये. विशेष तौर पर इससे पहले दो बार लोकसभा का चुनाव लड चुकी नवनीत राणा के खिलाफ पिछली बार यद्यपि वंचित बहुजन आघाडी की ओर से मैदान में प्रत्याशी उतारा गया था. लेकिन आघाडी के मुखिया एड. प्रकाश आंबेडकर ने सांसद नवनीत राणा के प्रति ‘सॉफ्ट कॉर्नर’ बनाए रखा था. लेकिन गत रोज उन्हीं प्रकाश आंबेडकर ने अमरावती दौरे पर रहते समय अचानक ही सांसद नवनीत राणा के लिए ‘बिगेस्ट फ्रॉड’ शब्द का इस्तेमाल करने के साथ ही यह भी कह दिया कि, सांसद नवनीत राणा जल्द ही जेल में होगी. जिसके बाद सभी को उम्मीद थी कि, अपने खिलाफ आने वाले हर बयान पर जमकर पलटवार करने वाले राणा दम्पति की ओर से इस बयान को लेकर भी एड. प्रकाश आंबेडकर के खिलाफ जमकर निशाना साधा जाएगा. लेकिन हैरत की बात यह रही कि, उम्मीद से विपरित जाते हुए विधायक रवि राणा ने बेहद नर्म भूमिका अपनाई तथा एड. प्रकाश आंबेडकर को अपने लिए पुजनीय व वंदनीय बताते हुए यहां तक कहा कि, यदि उनसे कोई गलती हुई है, तो एड. आंबेडकर को उनका कान पकडकर बताने हक है.
कल एक ही दिन के दौरान एड. प्रकाश आंबेडकर व विधायक रवि राणा की ओर से दिये गये बयानों के बाद जिले की राजनीति को नजदीक से जानने व समझने वालों के बीच यह सुगबुगाहट शुरु हो गई है कि, आखिर एड. प्रकाश आंबेडकर ने अचानक ही सांसद नवनीत राणा को लेकर इस तरह का बयान क्यों दिया है और उनके द्वारा सांसद नवनीत राणा को बिगेस्ट फ्रॉड बताते हुए नवनीत राणा के जेल जाने की भविष्यवाणी करने के पीछे क्या राज है. सबसे बडा आश्चर्य इस बात को लेकर जताया जा रहा है कि, छोटी-छोटी बातों के लिए शहर सहित जिले के लगभग सभी नेताओं के साथ पंगे ले चुके विधायक रवि राणा ने गत रोज एड. प्रकाश आंबेडकर द्वारा इतना बडा बयान दिये जाने के बावजूद भी इतनी नर्म भूमिका क्यों अपनाई तथा कोई गलती रहने पर एड. प्रकाश आंबेडकर से कान पकडकर माफी मांगने की बात क्यों कही. वहीं इस मामले में अब तक हर बात का तेज तर्रार तरीके से जवाब देने वाली नवनीत राणा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, एड. प्रकाश आंबेडकर व राणा दम्पति के बीच अप्रत्यक्ष रुप से शुरु हुई, यह जुबानी जंग कहां जाकर रुकती है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, वंचित बहुजन आघाडी की जिला शाखा ने एससी संवर्ग हेतु आरक्षित रहने वाली अमरावती संसदीय सीट से एड. प्रकाश आंबेडकर के बेटे सुजात आंबेडकर को पार्टी प्रत्याशी बनाते हुए मैदान में उतारे जाने का प्रस्ताव पारित किया है और इससे संबंधित निवेदन पार्टी के मुखिया एड. प्रकाश आंबेडकर को सौंपा गया है. साथ ही साथ एड. प्रकाश आंबेडकर मविआ में शामिल होकर अमरावती संसदीय सीट को वंचित बहुजन आघाडी के कोटे में छुडाने का प्रयास कर रहे है. यदि यह सीट वंचित के हिस्से में आती है, तो यहां पर वंचित की ओर से सुजात आंबेडकर ही प्रत्याशी होंगे, ऐसा लगभग तय है. वहीं दूसरी ओर सांसद नवनीत राणा का महायुति की ओर से प्रत्याशी बनना तय है, ऐसे मेें सुजात आंबेडकर व नवनीत राणा एक तरह से प्रत्याशी हो सकते है. जिसे देखते हुए माना जा रहा है कि, दोनों ओर से इसी वजह के चलते जुबानी जंग शुरु कर दी गई है, जो आगे जाकर कहा तक चलती है, यह देखने वाली बात होगी.

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