क्यों टेढे-मेढे हो जाते है छोटे बच्चों के दांत?
अमरावती/दि.30– सफेद, घुमावदार व मोती जैसे दांतों की वजह से चेहरे की सुंदरता और अधिक खिल जाती है. परंतु कुछ लोगों के दांत टेढे-मेढे व पीले होते है. साथ ही कुछ लोगों के दांतों के बीच में फट यानि खाली जगह छूटी होती है, या उनमें कीडे लगे होते है. जिसके चलते ऐसे लोग खिलखिलाकर नहीं हंस पाते. हमेशा चॉकलेट खाने, दांतों की नियमित सफाई न करने, अंगूठा चुसने, नाखून कुतरने व गलत पद्धति से अन्न खाने आदि कारणों के चलते छोटे बच्चों के दांत टेढे-मेढे होते दिखाई देते है.
* क्या है मुख्य वजह?
रात में सोते समय नाक की बजाय मूंह से सांस लेने, अंगूठा चुसने, दांत व जबडों के आकार में फर्क रहने तथा कोई आनुवांशिक बीमारी रहने की वजह से भी दांत टेढे-मेढे हो सकते है.
* 60 बच्चों पर जिला अस्पताल में इलाज
जिला सामान्य अस्पताल की ओपीडी में टेढे-मेढे दांतों के इलाज हेतु रोजाना 2 से 3 बच्चों पहुंचते है तथा यहां पर प्रतिमाह 60 से 70 बच्चों पर इलाज किया जाता है. ऐसी जानकारी जिला सामान्य अस्पताल प्रशासन द्वारा दी गई है.
* किन बातों का रखे ध्यान?
बच्चों ने रात में सोते समय मूंह बंद कर सोना चाहिए. बच्चों का आहार के जरिए जबडे का व्यायाम होना जरुरी है. यदि बच्चों में अंगूठा चुसने की आदत है, तो यह आदत जल्दी छूडाई जानी चाहिए. साथ ही साल में कम से कम दो बार बच्चों के दांतों की जांच करवाई जानी चाहिए.
* दांत टेढे-मेढे होने की कई वजह है. जिनमें सोते समय मूंह के जरिए सांस लेने, दांत व जबडे के आकार में फर्क रहने तथा बच्चों में अंगूठा चुसने की आदत रहने को प्रमुख वजह माना जा सकता है. इसके अलावा कुछ बच्चों के दांत आनुवांशिक विकारों की वजह से भी बच्चों के दांत टेढे-मेढे हो सकते है. ऐसे में सभी अभिभावकों ने अपने बच्चों के दांतों के स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना चाहिए.
– डॉ. अभिजीत वानखडे,
दंत चिकित्सक