अमरावती

युवाओं को दिल के दौरे क्यों पडते हैं?

प्राथमिक जांच पर अनदेखी खतरनाक

अमरावती/दि.28– शारीरिक और आर्थिक तनाव के कारण 20 से 25 वर्ष की आयु के युवाओं में अब हृदयविकार की समस्या बढी है. युवाओं की हार्ट की प्राथमिक जांच की तरफ अनदेखी होने लगी है. 20 से 40 वर्ष की आयु के मरीजों की जांच 20 फीसदी कम हुई है. इस कारण हृदयरोग का प्रमाण युवतियों की तुलना में युवकों में अधिक बताया जाता है. युवाओं को हृदय की नियमित जांच करने, किसी भी लक्षण की तरफ अनदेखी न करने, धुम्रपान, मद्यपान टालने, नियमित व्यायाम करने और हृदयरोग से बचने की सलाह हृदयरोग विशेषज्ञों ने दी है.
जानकारी के मुताबिक दिल को रक्त आपूर्ति करने वाली तीन मुख्य रक्तवाहिनी में से कोई भी रक्तवाहिनी में किसी कारण से दुविधा निर्माण होने पर रक्त आपूर्ति खंडित होती है. तब ऐसी स्थिति में दिल का दौरा आता है. हृदयरोग बाबत विविध उपचार पद्धति है अब सभी अस्पताल में हृदयरोग पर उचित व कम दाम में उपचार होता है. शासन की विविध योजना के माध्यम से नि:शुल्क उपचार होता रहने से ग्रामीण इलाकों के नागरिकों को राहत मिली है. महात्मा फुले जनस्वास्थ्य योजना, आयुष्यमान भारत योजना समेत शासन की अन्य योजना के माध्यम से हजारों हृदयरोग के मरीजों पर उपचार होने की बात कही गई है.

* इन कारणों से आता है अचानक दौरा
कोई भी संदेह गंभीरता से लेना चाहिए. एक तरफ तनाव और दूसरी तरफ अथक परिश्रम करने से कुछ समय रक्तवाहिनी में रक्त की गांठ तैयार होती है. किसी भी तरह के पूर्व लक्षण न रहते हुए कुछ लोगों को अचानक दिल का दौरा पडता है. वर्तमान में अनेक युवक महाविद्यालय में शिक्षा लेते, कार्यालय में काम करते उन्हें दील का दौरा पडने के उदाहरण है.

* दौरा पडने के लक्षण
– सीने में अस्वस्थता और धडकन बढना
– थकान और चक्कर आना
– पसीना आना और सिर दर्द करना
– गर्दन, हाथ, जबडा और कंधे में दर्द

* जीवनशैली में बदल
जीवनशैली में बदलाव और नियमिति औषधोपचार से स्वस्थ्य जीवन संभव है. युवाओं को नियमित रुप से हृदयजांच करवानी चाहिए. हृदय रोग की संभावना कम करने के लिए यह जांच आवश्यक है.
– डॉ. सतीश हुमने,
जिला रुग्णालय अमरावती

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