सरकार की निति के कारण किसान भुखमरी की कगार पर

सरकार क्यों नही लेती कर्जमाफी का निर्णय

* पुर्व मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा
अमरावती/दि.17– राज्य सरकार की निति के कारण किसान भुखमरी की कगार पर आ गया है. स्थिति चिंनता जनक बनी हुई है. सरकार सीधे कर्जमाफी का निर्णय क्यों नही लेती ऐसा पुर्व मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहां यशोमती ठाकुर ने राज्य सरकार को आडे हाथों लेते हुए कहां की राज्य की देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली तीन दलो कि सरकार कोे किसानो केे हितो से काई लेना देना नही है. यह सरकार दुर्योधन- दु:शासन की तरह किसानो का वस्त्रहरण कर रही है.
पुर्व विधायक यशोमती ठाकुर ने बताया कि मई माह में बुवाई की शुरूआत में हुई बरसात ने किसानों का बहुत नुकसान किया कभी प्राकृतिक आपदा के कारण तों कभी पशुओं के कारण कृषी को नुकसान पहुंचा है. लेकिन सरकार ने किसानों को राहत देने के विषय में गंभीरता से विचार नही किया है. पुर्व मंत्री यशोमती ठाकुर ने आगे कहा कि सरकार को भाई मानकर बहनों ने सत्ता दी. लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार ने बहनों को किसी भी तरह का लाभ नही दिया. वही किसानों के सिर पर कर्ज का बोझ बढता जा रहा है. सरकार कुंभ कर्णी नींद में सोति रही.
कर्ज के बोझ तथा आर्थिक तंगी से परेशान किसानों ने आत्महत्या कर ली. इतना ही नही सरकार ने कई लाडली बहनों कों गुमराह किया है. किसानो को कर्जमाफी तथा अन्य मांगों को लेकर प्रहार के अध्यक्ष व पुर्व विधायक बच्चू कडू ने अन्नत्याग आंदोलन कर सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया. उन्होंने कहा कि किसानों को कर्जमाफी देने के संदर्भ में बनाई गई समिती के आश्वासन के बाद बच्चू कडू ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया. बच्चू कडू के इस आंदोलन को राज्य स्तरीय कई संगठनों ने समर्थन दिया. विभिन्न राजनितिक दलों ने भी अपना समर्थन किया.
यशोमती ठाकुर ने कहा कि कर्जमाफी के बारे में समिती बनाकर रिपोर्ट मंगाने की बात कहने वाली सरकार केवल समय निकालने का काम कर रही है. महायुती सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही किसानो की परेशानियों की ओर अनदेखी की जाने लगी थी जो अभी तक जारी है. एक रूपए वाली बीमा योजना कोें वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है. इतना ही नही राज्य की वर्तमान सरकार ने फसल नुकसान भरपाई के नियमों में बदलाव करके भरपाई राशि में कटौती कर दी है.
सरकार की ओर से फसलो को अच्छा भाव नही दिया जा रहा है. खाद-बीज के भाव में भी तेजी आ गई है. इस क्षेत्र में भी सरकार ने उदासीन रवैय्या दिखाया है. सरकार ने इस तरह की निति दिखाकर किसानो के जले पर नमक छिडका है. यशोमती ठाकुर ने बताया कि पिछले अधिवेशन के दौरान यह जानकारी राज्य में 2706 किेसानो ने आत्महत्या की. उसके बाद भी किसान आत्महत्या का दौर जारी है. मई माह में 83 किसानो ने आत्महत्या की. राज्य के ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था गर्त में चली गई है. सरकार की ओर से कृषी तथा किसानों के हितो से जुडी योजनाओं पर गभीरता से विचार किया जाना चाहिए. ऐसा पुर्व मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहां.

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