इर्विन पर अब तक क्यों नहीं लगा मेडिकल कॉलेज का बोर्ड ?
जीएमसी का दूसरा सत्र कुछ माह मेंं

* आयेंगे और 100 एमबीबीएस विद्यार्थी
* मेडिकल काउंसिल की टीम इसी माह आनेवाली
अमरावती/ दि. 14- लगभग 8-10 माह पहले शुरू हुए अमरावती शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय (जीएमसी) के दूसरे वर्ष का सत्र जल्द आरंभ होनेवाला है. उसके पहले मेडिकल काउंसिल की विशेषज्ञ टीम यहां उपलब्ध पढाई और सुविधाओं का अवलोकन करने आनेवाली है. जिला सामान्य अस्पताल इर्विन को जीएमसी से जोडा हुआ बताया गया है. बावजूद इसके जीएमसी का बोर्ड इर्विन अर्थात जिला अस्पताल पर अब तक नहीं लगाया गया है. जिससे लोगों में आश्चर्य बताया जा रहा. जीएमसी के निदेशक डॉ. इंगोले से इस बारे में संपर्क करने का प्रयास किया गया.
कुछ माह में नया सत्र
जीएमसी का दूसरा वर्ष का अध्यापन कुछ माह में शुरू होना है. क्योेंकि नीट के परिणाम अतिशीघ घोषित किए जाने हैं. जिसके बाद शासकीय कॉलेजेस की कट ऑफ जारी होती है. जिला स्त्री अस्पताल परिसर की मलेरिया इमारत को मोडीफाय कर पिछले वर्ष आननफानन में जीएमसी शुरू किया गया. 100 सीटों की मान्यता होने से उतने छात्र-छात्राएं यहां प्रवेश पा चुके हैं. उनका प्रथम वर्ष का अध्ययन लगभग पूर्ण होनेवाला है. उसी प्रकार एमबीबीएस की नई बैच की एडमिशन शुरू होनी है. ऐसे में नया सत्र प्रारंभ होने के पहले एनएमसी की मान्यता आवश्यक है.
अस्पताल होना आवश्यक
चिकित्सा महाविद्यालय के पास अस्पताल होना आवश्यक है. उसमें भी निश्चित बेड संख्या के साथ विविध विभाग कार्यरत होना जरूरी है. अमरावती मंडल को इस क्षेत्र के जानकारों ने बताया कि पिछली बार भी एनएमसी ने राज्य सरकार के अनुरोध पर सशर्त मान्यता दी थी. राज्य शासन और जीएमसी प्रशासन ने आश्वासन के साथ मान्यता प्राप्त की थी. ऐसे में दूसरा वर्ष प्रारंभ होने के साथ जीएमसी से अस्पताल संलग्न होना आवश्यक है. जबकि जिला अस्पताल पर अभी तक बोर्ड नहीं लगा है. जिससे लोगों को भी अहसास नहीं कि इर्विन अस्पताल जीएमसी से जोडा गया है. जबकि इर्विन अस्पताल में मेडिकल कॉलेज के लिए अपेक्षित काफी बदलाव किए गये हैं. अनेक सुविधाएं बढाई गई है. साथ ही 6 बेड का आयसीयू कब बढाकर 30 बेड का कर दिया गया है.
स्वास्थ्य से स्वास्थ्य शिक्षा विभाग
जिला अस्पताल और महिला अस्पताल दोनों ही यूनिट जीएमसी से जोडे जाने के दावे किए गये थे. जिससे यह दोनों अस्पताल स्वास्थ्य विभाग से हटकर चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर आ जाने थे. किंतु अब तक इस प्रकार के सूचनाफलक दोनों ही अस्पतालों जिला सामान्य और जिला स्त्री अस्पताल में नहीं दिखाई पडते. जिससे सामान्य लोग मेडिकल कॉलेज शुरू हो जाने के घटनाक्रम से भी अनभिज्ञ है. जीएमसी के संचालकों को इस ओर ध्यान देने की अपेक्षा आमजनों ने अमरावती मंडल से चर्चा करते हुए व्यक्त की.
और स्टाफ को मिली मान्यता
इस बीच ताजा घटनाक्रम के अनुसार शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के और स्टाफ को मान्यता प्राप्त हो गई है. हाल ही में लगभग 20 नर्सेस की भर्ती की गई है. जबकि जीएमसी का अस्पताल नहीं है. संलग्न अस्पतालों से जीएमसी में अभी तक सेवा शुरू नहीं की है. पिछली बार भी एनएमसी ने अमरावती जीएमसी को सशर्त मान्यता दी थी. जिसके बाद प्रथम वर्ष की एडमिशन हुई थी.