साईड इफेक्ट रहने के बावजूद रेमडेसिविर की जिद क्यों?
अमरावती/दि.1 – कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित मरीजों को रेमडेसिविर के पांच से छह इंजेक्शन का कोर्स दिया जाता था. जिसके बाद में साईड इफेक्ट दिखाई देने लगे. वहीं अब कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के दौरान मरीजों में संक्रमण के लक्षण बेहद सौम्य रहने के चलते रेमडेसिविर इंजेक्शन का आग्रह क्यों? यह सवाल मरीजों के रिश्तेदारों द्वारा किया जा रहा है.
ऐसे दिया जाता है डोज
एचआरटीसी टेस्ट का स्कोअर छह से अधिक रहने पर अथवा ऑक्सिजन का स्तर कम रहने पर रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने की सलाह दी जाती है.
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मरीज को पहले दिन रेमडेसिविर के दो इंजेक्शन लगाये जाते है. इसके बाद अगले चार दिन तक रोजाना एक इंजेक्शन दिया जाता है.
रेमडेसिविर देने से पहले सतर्कता जरूरी
मूत्रपिंड व यकृत के रोग रहनेवाले मरीजोें सहित गर्भवती महिलाओं एवं नव प्रसूता महिलाओं को रेमडेसिविर के इंजेक्शन नहीं दिये गये. वहीं निमोनिया के लक्षण, हृदय व श्वास की गति तथा ऑक्सिजन का स्तर कम रहनेवाले संक्रमित मरीजों को ही रेमडेसिविर इंजेक्शन का डोज लगाया गया.
तीसरी लहर में कम प्रयोग
तीसरी लहर के दौरान संक्रमितों में लक्षण काफी हद तक सौम्य है और टीकाकरण नहीं करवानेवाले व सहव्याधी रहनेवाले मरीजों को ही इसकी तकलीफ अधिक है. लेकिन इन दिनों रेमडेसिविर का प्रयोग काफी हद तक कम है.
रेमडेसिविर के साईड इफेक्ट
एलर्जी, मूत्रपिंड व त्वचा पर परिणाम, सफेद पेशियों का कम होना, म्युकर मायकोसिस की बीमारी, पीठ व छाती में दर्द, सिर दर्द, पित्त की गांठ, त्वचा पर खुजली, रक्त में ऑक्सिजन का प्रमाण कम अधिक होना जैसे साईड इफेक्ट रेमडेसिविर की वजह से दिखाई देते है.
- कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान गंभीर स्थिति में रहनेवाले मरीजों का प्रमाण काफी अधिक था और लक्षण भी काफी अधिक तीव्र थे. जिसकी वजह से रेमडेसिविर इंजेक्शन का काफी हद तक प्रयोग किया गया. किंतु अब तीसरी लहर के दौरान मरीजों में लक्षण काफी सौम्य है. साथ ही इन दिनों टीकाकरण का प्रमाण भी काफी अधिक बढ गया है. जिसका फायदा हो रहा है. ऐसे में सभी को चाहिए कि, वे कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का टीका लगवाये. साथ ही प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करे.
– डॉ. श्यामसुंदर निकम,
जिला शल्य चिकित्सक,अमरावती.