लाडली बहना का प्यार करने वाली सरकार हमें क्यों दुत्कार रही?
एसटी कामगारों के पदाधिकारियों का आक्रमक सवाल
अमरावती/दि.3- एसटी निगम की ऐन त्यौहारो के समय पुनः बेमियादी हडताल शुरू हो जाने से जहां आम यात्री की दिक्कतें बढ गई वही हडताली कर्मचारियों का आरोप हैं कि लाडली बहना को खाते में बैठे-बिठाए पैसे बांटने वाली सरकार हम लोगों पर मेहरबान नहीं हो रही. हम हमारे हक का वेतन मांग रहे हैं. इसके लिए हमें समय-समय पर केवल आश्वासन मिले हैं. इसलिए हडताल मजबूरन करनी पड रही हैं. आज एसटी बसे कुछ प्रमाण में चली, सरकार का रवैया कायम रहने पर अनिश्चित काल के लिए एक भी एसटी बस नहीं चलने दिए जाने की चेतावनी विविध संगठनों के पदाधिकारियों ने अमरावती मंडल से बातचीत में दी.
1200 करोड बकाया
कृति समिति के अध्यक्ष असलम खान ने दावा किया कि धरना आंदोलन की वजह से 80 प्रतिशत फेरियां निगम को रद्द करनी पडी हैं. उन्होंने कहा कि पिछली बार भी हडताल करने पर शासन ने सिर्फ आश्वासन दिया था. जबकि सरकारी कर्मी के समान वेतन के अलावा हमारी कोई डिमांड नहीं हैं. सरकार ने गत 20 अगस्त तक समय मांगा था. जिसके कारण 9 अगस्त का आंदोलन स्थगित किया गया था. खान ने दावा किया कि एसटी कर्मियों के डीए के 1200 करोड सरकार पर लंबे समय से बकाया हैं. वह भी बार-बार मांगने पर सिर्फ वादा किया जा रहा हैं. एसटी कर्मी इमानदारी से सेवा देकर न्यायिक मांग कर रहा हैं.
36 करोड का मुनाफा
एसटी कामगार संगठन के विभागीय सचिव मोहित देशमुख ने दावा किया कि गत पंढरपुर वारी दौरान हमारे निगम के अध्यक्ष ने घोषित किया था कि 36 करोड रुपये के मुनाफे में निगम चल रहा हैं. फिर एसटी कामगारों को उनका हक देने में सरकार क्यों हिचकिचा रही हैं. विलंब कर रही हैं. देशमुख ने दावा किया कि गत 7 अगस्त को सरकार को आंदोलन के बारे में सूचित कर दिया गया था. बावजूद इसके शासन और प्रशासन ने हमारी घोषणाओं की दखल नहीं ली. जिसके कारण आज धरना आंदोलन शुरु होते ही सैकडों कर्मचारी सहभागी हो गए. देशमुख ने दावा किया कि शाम तक सभी कर्मी आंदोलन में होगे. जिसके बाद एसटी के पहिए रुक जाएंगे.
40 हजार कर्मचारी हडताल पर
एसटी कामगार सेना के विभागीय सचिव दिनेश शेलके ने दावा किया कि राज्य में 40 हजार से अधिक राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी आंदोलन में शामिल हैं. जिसके कारण पूरे राज्य में एसटी बसों के पहिए थम गए हैं. सरकार के पास लाडली बहना के लिए पैसे हैं. हमारी वर्षो से पेंडिग मांगे पूरी नहीं की जा रहीं. जिससे स्पष्ट हैं कि सरकार की हमारी मांगे पूर्ण करने की ओर इच्छा ही नहीं हैं. शेलके ने कहा कि गौरी गणपति और त्यौहारों का अहेसास हमें भी हैं. किंतु हम विवश हैं. सरकार बार-बार समय बिताने का धोरण अपनाती हैं. हमारी मांगो पर गौर नहीं किया जा रहा.
सरकार वसूल रही टैक्स
इंटक के विभागीय अध्यक्ष जयंता मोरे ने आरोप लगाया कि एसटी निगम की सेवा पर सरकार 17 प्रतिशत टैक्स वसूल रही. उस अनुपात में कर्मचारियों को सुविधा और वेतन देने से कतरा रही हैं. दो बार शासन को नोटिस देने पर भी बात नहीं की. गत 20 अगस्त तक समस्या का हल करने का वादा सरकार ने किया था. आज का आंदोलन सरकार की वादा खिलाफी के कारण हैं. इसलिए सभी कर्मचारी स्वयंस्फूर्ति से हडताल में शामिल हैं.
रोज 60 लाख यात्री
कास्ट्राइब संगठन के विभागीय अध्यक्ष राहूल रंगारी ने दावा किया कि रोज 60 लाख प्रवासी एसटी बसो से सफर करते हैं. एसटी कर्मचारी इमानदारी से सेवा देते हैं. उनकी प्रामाणिक सेवा के कारण आज अकेली महिला भी एसटी बस में अपने आप को सुरक्षित महसूस करती हैं. बावजूद इसके सरकार कर्मचारियों को उनके हक का वेतन तक नहीं दे रही. हमने विलिनीकरण की मांग पहले ही पीछे ले ली हैं. केवल शासकीय कर्मचारियों को दिए जाते समान वेतन की हमारी मांग हैं. जिसे सरकार को पूरा करना होगा.
25 लाख का नुकसान
एसटी निगम की आज की हडताल में 2100 कर्मचारियो के सहभागी होने का दावा कर हडताली संगठनों ने केवल अमरावती में 25-27 लाख की आमदनी का नुकसान होने का दावा किया. उन्होंने बताया कि 80 प्रतिशत फेरियां कैंसल हुई हैं. बेशक यात्रियों को बहुत परेशानी हुई.