अमरावती

भरपूर जलसंग्रह रहने के बाद भी एक दिन आड जलापूर्ति क्यों?

शहरवासियों की प्यास बुझाने में असफल साबित हो रहा जीवन प्राधिकरण

* 24 घंटे जलापूर्ति करने का किया था वादा
अमरावती/दि.23- अमरावती महानगर को 24 घंटे जलापूर्ति करने का आश्वासन देनेवाला महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण अपने वादे पर बिल्कुल भी खरा उतरता नहीं दिखाई दे रहा है, क्योंकि पूरे 24 घंटे जलापूर्ति करना तो दूर, विगत कुछ वर्षों से जीवन प्राधिकरण द्वारा 24 घंटे में एक बार भी पानी नहीं दिया जा रहा, बल्कि हर एक दिन की आड में यानी 48 घंटे में एक बार नलों से पानी छोडा जा रहा है और यह जलापूर्ति भी बेहद कम दबाव के साथ महज एक-डेढ घंटे तक ही की जाती है. जिसकी वजह से नागरिकों को अपनी जरूरत के लिहाज से पर्याप्त पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा. उल्लेखनीय है कि, इस भीषण गर्मी के मौसम में भी अप्पर वर्धा बांध में 48.63 प्रतिशत जलसंग्रहण है, जो शहर की पानी संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहद पर्याप्त है. लेकिन इसके बावजूद जीवन प्राधिकरण द्वारा अनियमित जलापूर्ति किये जाने के चलते और जलापूर्ति को लेकर नियोजन का अभाव रहने के चलते अमरावती शहरवासियों को पानी के संदर्भ में कई समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.
बता दें कि, अमरावती शहर को महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा जलापूर्ति की जाती है. इस हेतु शहर से 55 किमी दूर सिंभोरा में वर्ष 1994 के दौरान बनाये गये नल-दमयंती बांध से अमरावती शहर तक पाईपलाईन डाली गई है. यह पाईपलाईन कांक्रीट से बनी हुई है, जो काफी पुरानी हो चुकी है और पाईपलाईन में लगे लोहे के तारों में जंग लग गया है. जिसके चलते पाईपलाईन से पानी के लिकेज का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है. काफी बडा आकार रहनेवाले इन पाईपों से होनेवाले लिकेज को यदि दुरूस्त करने का काम किया जाता है, तो शहर की जलापूर्ति को कम से कम दो से तीन दिन तक बंद रखना होगा. इस पाईपलाईन का आयुष्यमान वर्ष 2024 में खत्म होनेवाला हैै. ऐसे में अब सिमेंट कांक्रीट की पाईपलाईन के स्थान पर माईल्ड स्टील से बनी पाईपलाईन को डालने का प्रस्ताव जीवन प्राधिकरण द्वारा तैयार किया गया है. वहीं वर्ष 2018 से जीवन प्राधिकरण ने रोजाना जलापूर्ति करने की बजाय शहर में एक दिन की आड में जलापूर्ति करने का काम शुरू किया है. ऐसे में आम नागरिकोें को 48 घंटे में एक बार प्राधिकरण के नलों से पीने का पानी मिल रहा है. साथ ही जीवन प्राधिकरण द्वारा बेहद कम दाब के साथ मात्र घंटे-डेढ घंटे तक ही जलापूर्ति की जाती है. जिससे आम नागरिकों को पीने एवं अपनी जरूरत हेतु पर्याप्त मात्रा में पानी भी उपलब्ध नहीं हो पाता. जिसके चलते शहर को 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने के संदर्भ में जीवन प्राधिकरण द्वारा किया गया वादा पूरी तरह से हवा-हवाई साबित हुआ है.

* जलापूर्ति पर एक नजर
156 दशलक्ष लीटर पानी को जलवाहिनी के जरिये अप्परवर्धा बांध से अमरावती शहर तक लाने की क्षमता

140 दशलक्ष लीटर पानी की शहर में रोजाना जरूरत.

120 दशलक्ष लीटर पानी की जीवन प्राधिकरण द्वारा की जाती है आपूर्ति

– 95 हजार नल कनेक्शन हैं शहर में.
– 1,150 सार्वजनिक स्टैण्ड पोस्ट.
– अप्पर वर्धा बांध से पानी लाने हेतु कुल 4 पंप.
– पानी की बढती मांग के मद्देनजर एक और पंप बढाया गया.
– बांध से पानी खिंचने हेतु चौबीसौ घंटे पांचों पंप रहते है शुरू.
– शहर के अधिकांश जलकुंभों तक पूरी क्षमता के साथ पानी नहीं पहुंचने की शिकायत.
– जलापूर्ति को लेकर अप्रशिक्षित कर्मचारी भी है समस्या.

महानगर को जलापूर्ति करनेवाली कांक्रीट निर्मित जलवाहिनी काफी पुरानी हो गई है. जिसके चलते वर्ष 2055 की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए माईल्ड स्टील की जलवाहिनी को डालने का नियोजन किया जा रहा है. जिससे आनेवाले समय में जलापूर्ति की समस्या निश्चित तौर पर दूूर हो जायेगी.
-विवेक सोलंके
कार्यकारी अभियंता, मजीप्रा

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