अमरावती/दि.12– भारत समेत विश्व के सभी देशों को प्रदूषण और महंगे पेट्रोल-डीजल जैसी समस्याओं का समाना करना पड रहा है. इसी कारण हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन देने से विश्व के अधिकांश देश इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुख कर रहे हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों की मोबिलिटी की तरफ लोग भविष्य के रुप में देखने लगे हैं.
वर्तमान में ऑटो मोबाइल क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढने लगी है. इलेक्ट्रिक वाहनों में कार रहे अथवा बाइक, ग्राहक इस ओर आकर्षित हो रहे है. विश्व के लोग अब पर्यावरण के लिए जागरुक हुए हैं. इस कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढी है. भारत में इन वाहनों के प्रति जागरुक होने समय लगेगा, लेकिन विश्व में इन वाहनों को नागरिक पसंद कर उसे खरीदी कर रहे हैं. ऐसा रहते हुए भी पिछले कुछ माह के पंजीयन में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री कम हुई है. ई-स्कूटर पंजीयन कम होने के पीछे सबसे बडा कारण केंद्र सरकार के अनुदान की कटौती मानी जा रही है.
* सुविधा की बौछार
ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन विक्र्रेता विभिन्न विज्ञापनों का उपयोग कर रहे हैं.
* चार्जिंग स्टेशन की कमी
बढती इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या को देखते हुए शहर में एक-दो को छोडकर कहीं चार्जिंग स्टेशन नहीं है. अनेक लोग अपने वाहन घर पर ही चार्ज करते हैं. मनपा प्रशासन और पेट्रोल संचालकों की अनदेखी है.
* बिक्री कम क्यों हुई?
सरकार व्दारा अनुदान में कटौती करने के बाद इलेक्ट्रिक दुपहिया कंपनियों ने अपने वाहनों के मूल्य 15 से 18 प्रतिशत बढाए. इस कारण वाहनों के बढते भाव के कारण ग्राहक भी इस महंगे वाहनों की खरीददारी से दूर होने लगे हैं.
* पूर्ण वर्ष में कितने इलेक्ट्रिक वाहन बढे?
वाहन वर्ष 2022 वर्ष 2023
दुपहिया 2703 4862
चारपहिया 40 99