अमरावती

क्यों नहीं धरे जाते ऑनलाइन ठगबाज?

दूसरे राज्यों में रहते है अपराधी, पुलिस को होती है दिक्कत

* कई बार बैंकों से भी नहीं मिल पाता सकारात्मक सहयोग
अमरावती/दि.1 – इन दिनों स्मार्ट फोन की वजह से ऑनलाइन व्यवहार काफी बडे पैमाने पर होने लगे है. जिसके चलते नागरिकों के साथ जालसाजी करने वाले साइबर अपराधी भी सक्रिय हो गए है, जो विभिन्न तरीके से नागरिकों के साथ जालसाजी करते है. इसके तहत विविध प्रकार के लालच दिखाकर अथवा निवेश योजनाएं बताकर नागरिकों के बैंक खाते से रकम उडाई जाती है. आए दिन ऐसे मामले उजागर होते रहते है, ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, ऑनलाइन जालसाजी करने वाले ठगबाजों का आखिर पकडा क्यों नहीं जाता. जिसका जवाब खोजने पर पता चला है कि, अमूमन ऐसे साइबर अपराधी अन्य प्रांतों सहित विदेशों में बैठकर अपना नेटवर्क चलाते है. जिसकी वजह से सायबर पुलिस के लिए ऐसे मामलों में जांच व कार्रवाई करने में कई तरह की मर्यादाएं आती है.
उल्लेखनीय है कि, अपने साथ ऑनलाइन जालसाजी होने पर नागरिकों द्बारा स्थानीय पुलिस थाने के पास शिकायत दर्ज कराई जाती है. जिसके बाद पुलिस द्बारा संबंधित बैंक के साथ पत्र व्यवहार किया जाता है. लेकिन बैंकों द्बारा साइबर पुलिस को अपेक्षित सकारात्मक प्रतिसाद नहीं मिलता. जिसके चलते ऐसे अपराधी कार्रवाई से बच जाते है.

* 4 माह में 70 शिकायत
ग्रामीण पुलिस की साइबर शाखा के पास विगत 4 माह के दौरान 70 शिकायतें प्राप्त हुई है. जिसमें से कई शिकायतों के साथ जालसाजी से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं जोडा गया है.

* केवल 26 मामलों में अपराध दर्ज
ऑनलाइन जालसाजी हकीकत में किस तरह हुई. इसके बारे में शिकायतकर्ता द्बारा कोई भी प्रथम दर्शनी सबूत पेश नहीं किए जाने के चलते कुल प्राप्त शिकायतों में से केवल 26 शिकायतों में ही अपराधिक मामला दर्ज किया गया.

* तीन आरोपी गिरफ्तार
ग्रामीण पुलिस की सायबर सेल ने इस वर्ष 3 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की. जिनके पास से काफी बडी रकम भी जब्त की गई है.

* साइबर पुलिस का प्रभार एलसीबी के पास
जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय के साइबर पुलिस थाने में 2 अधिकारियों व 11 पुलिस कर्मचारियों का मनुष्य बल है.
– साइबर सेल के थानेदार पर का कार्यभार फिलहाल स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक तपन कोल्हे के पास दिया गया है. जिले के ग्रामीण इलाकों में स्थित 31 पुलिस थानों में दर्ज होने वाली साइबर संबंधित शिकायतों को साइबर सेल के पास वर्ग किया जाता है.

* साइबर पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण की जरुरत
ग्रामीण पुलिस दल के साइबर सेल में इस समय पर्याप्त मनुष्य बल की तैनाती है. लेकिन उन्हें और भी अधिक प्रशिक्षण दिए जाने की जरुरत है. क्योंकि साइबर अपराधी सूचना तकनीक के मामले में काफी पेशेवर व शातिर होते है. ऐसे में उन्हें ढुंढ निकालने के लिए विशेष तरह के प्रशिक्षण की आवश्यकता पडती है.

* 12.64 लाख रिकवर
ग्रामीण साइबर पुलिस ने अब तक ऑनलाइन ठगबाजी के विभिन्न मामलों की सफलतापूर्वक जांच करने के साथ ही करीब 12 लाख 64 हजार रुपए रिकवर भी किए. यह रकम साइबर ठगबाजी का शिकार हुए रकम के मूल मालिकों को वापिस लौटाई गई.

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