अमरावतीमहाराष्ट्र

7 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट अवमानना याचिका मंजूर क्यों न की जाए?

मामला चोरी के ट्रक के फर्जी कागजपत्र के आधार पर रजिस्ट्रेशन और बिक्री का

* न्यायालय ने जारी किया कारण बताओ नोटिस
अमरावती/दि.20– परप्रांत के चोरी के ट्रको के फर्जी कागजपत्र के जरिए रजिस्ट्रेशन कर बिक्री करने के मामले में अमरावती के आरटीओ के तीन अधिकारियों को नई मुंबई पुलिस ने 30 अप्रैल को मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था. इस प्रकरण में नागपुर जिला व सत्र न्यायालय ने 17 मई को 7 पुलिस अधिकारियों को उनके खिलाफ कोर्ट अवमानना की याचिका मंजूर क्यों न की जाए, इस बाबत कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अवमानना प्रकरण में 28 जून को न्यायालय में सुनवाई होनेवाली है.

अमरावती के आरटीओ के तीन अधिकारियों पर हुए इस अन्याय बाबत प्रादेशिक परिवहन विभाग ने कमर कस ली है. पुलिस विभाग की मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोला गया है. पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का अधिकार न रहते अधिकार क्षेत्र के बाहर के प्रकरणो की जांच कर आरटीओ के अधिकारियों को गिरफ्तार करने के मामले में दोषी पुलिस अधिकारी और इसका समर्थन करनेवाले वरिष्ठ अधिकारी यह भारतीय दंड विधान की धारा 166, 220, 409, 120 (ब) और 34 के तहत कार्रवाई के पात्र साबित होते है, ऐसा कानून में प्रावधान है.

* 7 पुलिस अधिकारियों को इस आधार पर हो सकती है सजा
नागपुर जिला सत्र न्यायालय ने नई मुंबई के पुलिस उपायुक्त अमित काले सहित 7 पुलिस अधिकारी और नागपुर के एक पत्रकार के नाम नोटिस जारी की है. आरटीओ के अधिकारी पर मामला दर्ज कर गिरफ्तार करने के प्रकरण में 7 पुलिस अधिकारी दोषी पाए गए थे. उन्हें दिवानी व क्रिमिनल कंटेप्ट में प्रत्येकी 6 माह ऐसे एक वर्ष जेल की सजा हो सकती है. साथ ही दिवानी प्रक्रिया संहिता केओ 39, आर 2 (ए) के मुताबिक इन सभी पुलिस अधिकारियों की संपत्ति भी जब्त हो सकती है.

* आरटीओ की महिला अधिकारी की सर्वोच्च न्यायालय में गुहार
नई मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार करते समय अमरावती आरटीओ के महिला अधिकारी के मुलभूत अधिकारो का उल्लंघन किया. इस प्रकरण में नई मुंबई पुलिस उपायुक्त अमित काले सहित अन्य पुलिस अधिकारी के खिलाफ इस महिला अधिकारी ने 17 मई को सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाई है. 18243/2024 के तहत क्रिमिनल याचिका दायर कर दोषी पर कार्रवाई करने की मांग की गई है.

* कोई नोटिस नहीं मिली
सर्वोच्च न्यायालय अथवा नागपुर जिला सत्र न्यायालय की तरफ से अब तक किसी भी तरह की नोटिस नहीं मिली है. नोटिस मिलने पर पुलिस प्रशासन की तरफ से जवाब दिया जाएगा.
– अमित काले, उपायुक्त, नई मुंबई पुलिस.

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