अमरावती

खेलने-कुदने की आयु में बच्चियों के विवाह की जल्दी क्यों

जिले में रुकवाए गए 32 बाल विवाह

अमरावती/ दि.14 – सरकार व्दारा विवाह के लिए न्युनतम आयु तय कर दी गई है. साथ ही इसे लेकर बडे पैमाने पर जनजागृति भी की जाती है. लेकिन इसके बावजूद भी आज से मौजूदा दौर में बाल विवाह के मामले सामने आते है, जिसके तहत विशेष रुप से लडकियों का विवाह खेलने-कुदने वाली उम्र में ही करा दिया जाता है. गत वर्ष अमरावती जिले में जिला बालविकास विभाग व्दारा ऐसे 32 विवाहों को रुकवाया गया. जिनमें 18 वर्ष से कम आयु वाली नाबालिग युवतियों का विवाह करवाया जा रहा था.
उल्लेखनीय है कि, किसी समय बालविवाह की प्रथा अस्तित्व में थी. जिसके तहत बच्चे का जन्म होते ही उसका अपनी बिरादरी में आपसी जान-पहचान के आधार पर रिश्ता तय करा दिया जाता था. वहीं समय बीतने के साथ-साथ विवाह तय करने की आयु को थोडा बढाया गया, लेकिन इसके बावजूद भी 13 से 15 वर्ष की आयु तक पहुंचते-पहुंचते बच्चों की शादी और गौने की रस्म पूरी कर दी जाती थी. परंतु सरकार व्दारा शारीरिक व बौध्दिक विकास की बातों को ध्यान में रखते हुए विवाह हेतु लडकों के लिए न्युनतम 21 वर्ष व लडकियों के लिए न्युनतम 18 वर्ष की आयु मर्यादा तय की गई है और इस न्युनतम आयु से कम उम्र में होने वाली शादियों को बालविवाह की श्रेणी में रखा गया. ऐसे में बालविकास विभाग व्दारा बालविवाहों को टालने व रोकने के लिए प्रत्येक स्तर पर व्यापक जन-जागृति की जाने लगी और बालविवाह की प्रथा को खत्म करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र तक अभियान चलाए जाने लगे. क्योंकि मौजूदा आधूनिक दौर में भी यह प्रथा ग्रामीण क्षेत्रों में बनी हुई है. यहां पर लोगबाग अपने बच्चों, विशेषकर लडकियों की शादी बेहद कम उम्र में करवा देते है. ऐसे में जिला बालसंरक्षण अधिकारी अजय डबले व भूषण कावरे ने जिले में बालविवाह को रोकने हेतु व्यापक अभियान चला रखा है.

मेलघाट में रोके गए सर्वाधिक मामले
जिले में विगत 1 वर्ष के दौरान 32 बालविवाह रोके गए. जिनमें सर्वाधिक 10 मामले आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र की धारणी व चिखलदरा तहसीलों के थे. इसके अलावा अमरावती में 5, भातकुली में 1, अंजनगांव में 2, नांदगांव में 2, दर्यापुर में 3, अचलपुर में 2, चांदूर बाजार में 3, वरुड में 3 बालविवाह रुकवाये गए. खास बात यह रही कि, तिवसा, चांदूर रेलवे व धामणगांव रेलवे में ऐसा एक भी मामला जिला बालविकास विभाग के सामने नहीं आया. विशेष उल्लेनीय है कि, उपरोक्त आंकडे उन मामलों के है, जिनके बारे में जिला बालविकास विभाग को पूर्व सूचना या शिकायत की प्राप्ती हुई थी तथा जिला बालविकास विभाग की जानकारी में आये दिन संपन्न हुए बालविवाहों की संख्या कितनी है, इसका पता लगाना मुश्किल है.

बालविवाह प्रतिबंधक कानून के मुताबिक न्युनतम आयु से कम उम्र में विवाह करवाना कानूनन अपराध है. ऐसे 32 मामलों में हस्तक्षेप करते हुए बालविवाह रुकवाये गए और दोनों पक्षों के लोगों को आपसी समझाईश दी गई. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में समितियों की नियुक्ति करते हुए जनजागृति हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिये गए है.
– अजय डबले,
बालसंरक्षण अधिकारी.

किस तहसील में कितने बालविवाह रोके
अमरावती – 5
भातकुली – 1
अंजनगांव – 2
नांदगांव खंडे. – 2
दर्यापुर – 3
चिखलदरा – 3
धारणी – 7
अचलपुर – 2
मोर्शी – 1
तिवसा – 0
चांदूर रेलवे – 0
चांदूर बाजार – 3
धामणगांव – 0
वरुड – 3

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