* प्रशासन सहित पुलिस व आरटीओ से मांगा जवाब
अमरावती/ दि.13 – अमरावती शहर में कई अलग-अलग रुटों पर सिटी बस चलाने हेतु मनपा व्दारा ठेका दिया गया है, लेकिन ठेकेदार कंपनी व्दारा केवल अमरावती बडनेरा मार्ग पर ही बसे चलाई जाती है. साथ ही इन बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को दी जाने वाली टिकटे भी ठेकेदार कंपनी व्दारा ही छापी जाती है, जिसका मनपा के पास कोई हिसाब-किताब नहीं है, ऐसे में मनपा का विभिन्न करों में काफी नुकसान हो रहा है. इसके बावजूद भी प्रशासन पूरी तरह से सिटी बस ठेकेदार के प्रति मेहरबान क्यों बना हुआ है, यह समझ से परे है, इस आशय का दूसरा सवाल ऑटो यूनियन के अध्यक्ष नितीन मोहोड ने गत रोज आरटीओ कार्यालय पहुंचकर प्रशासन से पूछा.
उल्लेखनीय है कि, गत रोज आरटीओ कार्यालय में कडक सुरक्षा अभियान का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसका उद्घाटन जिलाधीश पवनीत कौर के हाथों होना था. साथ ही इस आयोजन के दौरान पुलिस महकमे के आला अधिकारी उपस्थित रहने वाले थे. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ऑटो यूनियन के अध्यक्ष नितीन मोहोड अपने कई पदाधिकारियों के साथ आरटीओ कार्यालय पर जा धमके. इस समय किसी कारणवश जिलाधीश पवनीत कौर इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच पायी थी. ऐसे में नितीन मोहोड ने पुलिस एवं आरटीओ अधिकारियों को ही जमकर आडे हाथ लेते हुए इस बारे में जवाब तलब करना शुरु कर दिया. मौके पर उपस्थित शहर पुलिस उपायुक्त विक्रम साली, यातायात विभाग के पुलिस निरीक्षक राहुल आठवले तथा आरटीओ निरीक्षक राउत से बातचीत करते हुए नितीन मोहोड का कहना रहा कि, प्रशासन की अनदेखी तथा सिटी बस ठेकेदार की मनमानी के चलते कर्ज पर ऑटो खरीदकर जैसे-तैेसे अपना व अपने परिवार का उदरनिर्वाह करने वाले ऑटो चालकों का काफी नुकसान होता है. क्योंकि बस स्थानक परिसर में जहां पर काफी पहले से ऑटो चालकों को खडे रहने की जगह उपलब्ध कराई गई है. उसके ही पास सिटी बस को ही जगह उपलब्ध कराई गई. ऐसे में ऑटोवालों की तरफ आने वाले यात्रियों को सिटी बस के ड्रायवर व कंडक्टर व्दारा अपनी ओर खिच लिया जाता है और ऑटो स्टॉप से सवारियां उठाई जाती है. इसके साथ ही सिटी बस ठेकेदार व्दारा अपने मन से टिकटों की छपाई की जाती है और रोजाना सिटी बसों में कितने यात्री आना-जाना कर रहे है तथा कितने टिकटें बिक रही है, इसका कोई हिसाब-किताब नहीं होता. ऐसे में सिटी बस ठेकेदार व्दारा मनपा को विभिन्न तरह के करों की अदायगी नहीं की जाती. जिसकी वजह से मनपा को राजस्व के नुकसान का सामना करना पड रहा है.
नितीन मोहोड की बातचीत सुनने के बाद मौके पर उपस्थित अधिकारियों ने यह कहते हुए अपना पल्ला झाड लिया कि, यह विषय पूरी तरह से मनपा के कार्यक्षेत्र अंतर्गत आता है और इसमें किसी भी अन्य विभाग व्दारा कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता. अत: वे इसमें कुछ नहीं कर सकते.