युवक कांग्रेस की हनुमान जयंती से भाजपा के पेट में दर्द क्यों?
क्या हनुमानजी पर है केवल भाजपा का कॉपीराईट!
* कांग्रेस नेताओं का भी रहा है मंदिरों के संचालन में योगदान
अमरावती/दि.12– गत रोज युवक कांग्रेस द्वारा एक पत्रवार्ता बुलाते हुए आगामी 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर्व के उपलक्ष्य में भव्य शोभायात्रा निकाले जाने की जानकारी दी गई. जिसके तुरंत बाद इस विषय को लेकर राजनीति शुरू हो गई और भाजपा पदाधिकारियों द्वारा इस मखौल उडाने के साथ-साथ इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की जाने लगी. साथ ही इसे लेकर प्रेस विज्ञप्तियां भी जारी की जाने लगी. ऐसे में यह समझ से परे है कि, आखिर कांग्रेस व युवक कांग्रेस द्वारा किये जानेवाले इस आयोजन से भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों का क्या लेना-देना और उन्हेें इसकी वजह से पेटदर्द क्यों हो रहा है. क्योंकि रामभक्त हनुमानजी को माननेवाले केवल भाजपा में ही नहीं है, बल्कि कांग्रेस व युवक कांग्रेस में भी ऐसे लोगों की बहुतायत है. जिन्हें अपने आराध्य का जन्मोत्सव मनाने की पूरी आजादी व छूट दी है. साथ ही सनातनी धर्म प्रतीकों व आराध्यों पर अकेले भाजपाईयों का ही कॉपीराईट नहीं है. ऐसे में भाजपा पदाधिकारियों का कांग्रेस के धार्मिक आयोजन का विरोध करना काफी हद तक समझ से परे है.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में कई ऐसे हनुमान मंदिर है, जिनका संचालन व प्रबंधन विगत अनेक वर्षों से कांग्रेस नेताओं व पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है. जिसमें श्री क्षेत्र चांगापुर स्थित हनुमान मंदिर सहित रवि नगर परिसर स्थित हनुमान मंदिर का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है. जिनके संचालन में शहर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व महापौर विलास इंगोले सहित कांग्रेस व युवक कांग्रेस के अनेकों नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा अपना भरपूर व यथासंभव योगदान दिया जाता है. ऐसे में कांग्रेस नेताओं व पदाधिकारियों के पास भी हनुमान जन्मोत्सव मनाने की पूरी आजादी और अधिकार है. यहां यह नहीं भूला जाना चाहिए कि, पूर्व महापौर विलास इंगोले ने अपने युवा शक्ति संगठन के जरिये अपने खर्च पर चांगापुर मंदिर की ओर जानेवाले मार्ग पर भव्य प्रवेश द्वारा का निर्माण करवाया है. साथ ही पूरे सालभर मंदिर में चलनेवाले धार्मिक आयोजनों में योगदान देने के साथ-साथ वे हनुमान जयंती पर चांगापुर में बेहद बडे पैमाने पर महाप्रसाद व भंडारे का आयोजन करवाते है. इसी तरह रवि नगर परिसर स्थित श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर के प्रबंधन व व्यवस्थापन की जिम्मेदारी संभालनेवाले लोगों में भी ज्यादातर लोग राजनीतिक तौर पर कांग्रेस पार्टी से संबंध रखते है. इसके अलावा हजारों भाविक श्रध्दालुओं का श्रध्दास्थान रहनेवाले श्री क्षेत्र जहांगीरपुर स्थित जागृत हनुमान मंदिर के पदाधिकारियों में भी कई कांग्रेस नेताओं व पदाधिकारियों का समावेश है. इसके अलावा शहर सहित जिले में कांग्रेस नेताओं व पदाधिकारियों द्वारा विगत कई वर्षों से कई हनुमान मंदिरों के व्यवस्थापन व प्रबंधन में अपना योगदान दिया जा रहा है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को माननेवालों की धार्मिक भावनाओं पर सवाल खडे करना या उनकी आस्था का मजाक उडाना कहां तक सही है, यह सबसे बडा सवाल है. साथ ही सवाल यह भी उठाया जा सकता है कि, ऐसा करने का अधिकार भारतीय जनता पार्टी व भाजपा पदाधिकारियों को किसने दिया है. क्योंकि हनुमानजी पर अकेले भाजपा का ही एकाधिकार तो नहीं है, बल्कि भाजपा के अलावा अन्य किसी राजनीतिक दल से वास्ता रखनेवालों को भी अपने आराध्य का जन्मोत्सव या अन्य कोई उत्सव मनाने का पूरा अधिकार है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, गत रोज युवक कांग्रेस द्वारा पत्रवार्ता का आयोजन किये जाते ही भाजपा के शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने इसका मजाक उडाते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की. साथ ही भाजपा नेता व मनपा के पूर्व सभागृह नेता तुषार भारतीय ने इसे लेकर बाकायदा एक प्रेस विज्ञप्ती भी जारी की और इन दोनों भाजपा नेताओं ने युवक कांग्रेस द्वारा हनुमान जन्मोत्सव पर शोभायात्रा का आयोजन किये जाने का मजाक उडाया. जिसे लेकर आश्चर्य ही व्यक्त किया जा सकता है और सवाल पूछा जा सकता है कि, आखिर कांग्रेस व युवक कांग्रेस द्वारा हनुमान जयंती पर किये जानेवाले धार्मिक आयोजन से भाजपा को इतना पेटदर्द क्यों हो रहा है और इस दर्द व तकलीफ की असल वजह क्या है?