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पुराने ठेकेदार के बकाया कर्ज का बोझ आम जनता पर क्यों?

नितिन मोहोड ने मनपा आयुक्त के निर्णय पर उठाया सवालिया निशान

* पूछा – किस अधिकार के तहत मनपा की तिजोरी से अदा की गई बकाया कर्ज की 20 फीसद राशि
* तहसीलदार के जरिए पुराने ठेकेदार की संपत्ति कुर्क करते हुए रकम वसूल करने की मांग उठाई
* नये ठेकेदार द्बारा शहर के सभी रुटों पर बस चलाए जाने पर भी दिया जोर
अमरावती/दि.20 – मनपा की सिटी बस सेवा के पुराने ठेकेदार ने शहर में सिटी बसों का परिचालन करने के दौरान कई तरह की गडबडियां करते हुए जमकर चांदी काटी और सिटी बसों पर रहने वाले कर्ज के साथ ही आरटीओ का टैक्स भी अदा नहीं किया. ऐसे में पुराने ठेकेदार का करार रद्द करते हुए मनपा ने नये ठेकेदार के साथ करार किया. लेकिन बैंक के बकाया रहने वाले कर्ज की 20 फीसद रकम को आयुक्त आष्टीकर ने मनपा की तिजोरी से अदा किया. जो कि, पूरी तरह से गलत है. क्योंकि यह आम जनता का पैसा है. ऐसे में पुराने ठेकेदार की ओर बकाया रहने वाले कर्ज की पूरी सख्ती के साथ वसूली होनी चाहिए और उसी रकम से बैंक का कर्ज अदा किया जाना चाहिए. इस आशय का प्रतिपादन करते हुए उद्योजक व समाजसेवी नितिन मोहोड ने सवाल उठाया कि, सिटी बस के पुराने ठेकेदार की ओर बकाया रहने वाली रकम की अदायगी अमरावती की आम जनता के गाढे पसीने की कमाई से कैसे की जा सकती है.
उल्लेखनीय है कि, गत रोज ही स्थानीय प्रादेशिक परिवहन कार्यालय ने मनपा की सिटी बस सेवा की ओर बकाया रहने वाले प्रवासी कर व बाल संगोपन कर की वसूली के लिए मनपा की 2 सिटी बसों को जब्त कर लिया. इस बकाया कर को लेकर नितिन मोहोड ने ही मुख्य तौर पर आवाज उठाई थी. ऐसे में जानकारी एवं प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किए जाने पर मोहोड ने बताया कि, पूराने ठेकेदार द्बारा हद दर्जे की मनमानियां की जाती रही. जिसकी ओर उन्होंने समय-समय पर प्रशासन का ध्यान दिलाया था. लेकिन उस वक्त मनपा प्रशासन ने समय रहते मामले की ओर ध्यान नहीं दिया. हालांकि आगे चलकर उनकी कोशिशों के चलते ही आयुक्त आष्टीकर ने तत्कालीन ठेकेदार पृथ्वी ट्रैवल्स एजेंसी के ठेके को रद्द करते हुए सिटी बस सेवा के लिए नई निविदा बुलाई. लेकिन इस समय पता चला कि, पुराने ठेकेदार ने सिटी बस के लिए लिए गए कर्ज की अदायगी ही नहीं की थी. साथ ही टिकट विक्री के आंकडों में हेरफेर करते हुए आरटीओ का टैक्स भी डूबाया था. यहीं वजह है कि, नया ठेका जारी करते समय बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने अपने बकाया कर्ज के लिए अडंगा डाल दिया था. हकीकत में इस बकाया कर्ज की रकम को मनपा ने पुराने ठेकेदार से वसूल करना था. लेकिन आयुक्त आष्टीकर ने बकाया कर्ज की 20 फीसद रकम मनपा की तिजोरी से अदा किया. यह तो सीधे-सीधे आम जनता के पैसों की फिजूल खर्ची है और सबसे बडा सवाल यह है कि, जब पूराने ठेकेदार ने कर्ज की रकम को बकाया रखा है, तो उसकी अदायगी मनपा यानि अमरावती की आम जनता क्यों करें. इस रकम को तहसील एवं जिला प्रशासन की सहायता लेते हुए कानूनी तौर पर पूराने ठेकेदार से वसूल किया जाना चाहिए.
इसके साथ ही नितिन मोहोड का यह भी कहना रहा कि, नये ठेकेदार द्बारा भी पूराने ठेकेदार की तरह मनपा की सारी सिटी बसों को अमरावती-बडनेरा मार्ग पर ही चलाया जा रहा है. जबकि सिटी बस सेवा के लिए शहर में कुल 25 रुट तय किए गए है. जिनमें मुस्लिम बहुल क्षेत्र का भी समावेश है. परंतु शहर की 30 फीसद जनसंख्या रहने वाले मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में इस समय मनपा सिटी बस सेवा की एक भी फेरी नहीं चल रही. ऐसे में अगर अमरावती बडनेरा मार्ग के अलावा शहर के अन्य रास्तों पर सिटी बस सेवा जल्द ही शुरु नहीं की जाती, तो नये ठेकेदार सहित मनपा प्रशासन के खिलाफ आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पडेगा.

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