अमरावतीमहाराष्ट्र

50 किमी के लिए दो टोल नाकों का बोझ क्यों?

पूर्व नगराध्यक्ष गेडाम ने टोल प्रबंधक से पूछा सवाल

* अमरावती-पांढुर्णा महामार्ग का टोल रद्द नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
अमरावती/दि.16 – नांदगांव पेठ, मोर्शी, वरुड व पांढुर्णा के बीच राष्ट्रीय महामार्ग का काम अधूरा रहने के बावजूद वरुड-मोर्शी-अमरावती के बीच निंभी में विगत 3 दिसंबर से टोल वसूली शुरु की गई है. जिसका क्षेत्र के नागरिकों द्वारा तीव्र विरोध किया जा रहा है. साथ ही मोर्शी से महज 9 किमी की दूरी पर की जा रही इस टोल वसूली को रद्द किये जाने की मांग उठाते हुए पूर्व नगराध्यक्ष आप्पासाहब गेडाम ने अगले 8 दिनों में ऐसा नहीं होने पर तीव्र आंदोलन छेडने की चेतावनी दी है.
बता दें कि, मोर्शी एवं वरुड तहसील के कई लोगबाग रोजाना ही बडी संख्या में अमरावती आना-जाना करते है. जिन्हें नांदगांव पेठ के टोल नाके पर महज 8 किमी के सडक के प्रयोग हेतु सैकडों रुपए के टोल शुल्क का आर्थिक बोझ बर्दाश्त करना पडता है. वहीं अब निंभी गांव में राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण द्वारा टोल नाका स्थापित करते हुए टोल वसूली करनी शुरु की गई है. निंभी टोल नाके पर जाते समय 40 रुपए व आते समय 20 रुपए का टोल वसूला जाता है. साथ ही प्रतिमाह की आवाजाही हेतु 340 रुपए की टोल पास बनाकर देने की जानकारी टोल नाके के इंचार्ज राहुल डांगे द्वारा दी गई है. हालांकि नियमानुसार 70 किमी तक रास्ता व्यवस्थित रहने पर ही टोल शुल्क लगाया जा सकता है और इस महामार्ग का काम अब तक पूरा भी नहीं हुआ है. वहीं वनविभाग द्वारा अनुमति दिये जाने के बाद भी काम को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया जा रहा. जिसके चलते वाहन चालकों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. ऐसे में अधूरे रास्ते व अधूरे पूलों का काम सबसे पहले पूरा करने की मांग पूर्व नगराध्यक्ष आप्पा साहब गेडाम द्वारा उठाई गई.
इस समय हर्षल चौधरी, शेखर गावंडे, अभिषेक धानोरकर, आकाश ढोमणे, लवकेश गोमकाले, अनिकेत राउत, एड. आशिष टाकोडे, दिनेश मिश्रा, रवि हिरुलकर, सुधीर बेले, अमोल फंदे आदि उपस्थित थे.

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