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विवाह की जल्दबाजी क्यों, हमें पढने दो ना!

छात्राएं लिखेगी अपने माता-पिता को पत्र

* बाल विवाह रोकने शिक्षा विभाग का अनूठा उपक्रम
अमरावती /दि.14- दुनिया भले ही आधुनिकता के रास्ते पर काफी आगे बढ गई है. परंतु अपने बाल विवाह की समस्या खत्म नहीं हुई है. जिसके चलते राज्य के शिक्षा विभाग द्बारा जिला परिषदों के जरिए एक अनूठा उपक्रम चलाया जा रहा है. जिसके तहत जिप शालाओं में पढने वाले छात्राएं अपने अभिभावकों को पत्र लिखकर कहेंगी कि, हमारे विवाह को लेकर जल्दबाजी क्यों, हमें पढने दो ना. ÷
उल्लेखनीय है कि, कोविड काल के समय से लगभग सभी जिलों में बालविवाह के मामले बडे पैमाने पर सामने आने लगे. ऐसे में महिला व बालविकास विभाग तथा जिला बाल संरक्षण कक्ष द्बारा समय-समय पर कार्रवाई की गई. वहीं अब जिप के शिक्षा विभाग द्बारा हर घर तक जनजागृति करने हेतु अपने विद्यार्थियों के जरिए एक अनूठा अभियान शुरु करने का निर्णय लिया गया है. जिसके तहत सभी शालाओं के छात्र-छात्राओं द्बारा अपने-अपने अभिभावकों के नाम पत्र लिखे जाएंगे. इस पत्र में लिया जाएगा कि, सक्षम व सुदृढ पीढी के लिए बच्चों का विवाह न कराए, कम आयु में विवाह करवाने से शिक्षा के अवसर खत्म हो जाते है. विशेष तौर पर लडकियों की पढाई बीच में ही छूट जाती है. अत: बच्चों को पढ-लिखकर समृद्ध होने दे और उन्हें देश का मजबूत स्तंभ बनने दें. जिसके बाद ही बच्चों का विवाह करवाए.
इस उपक्रम के तहत साधे पोस्ट कार्ड के जरिए बालविवाह रोकने का संदेश सभी विद्यार्थी अपने-अपने अभिभावक को देंगे. इसके अलावा प्रत्येक तहसील में एक छात्र व एक छात्रा का चयन करते हुए उनके जरिए इसी तरह का संदेश देने वाली वीडियो क्लीप भी तंत्रस्नेही शिक्षक के द्बारा तैयार की जाएगी और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए बालविवाह को रोकने हेतु जनजागृति की जाएगी.

 

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