अमरावतीमहाराष्ट्र

85 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाताओं में क्यों दिखाई मतदान में अरुचि

पहली बार बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं के लिए की गृह मतदान की सुविधा

अमरावती/दि.2– जिले में 85 वर्ष से अधिक आयु वाले 78,352 मतदाता पंजीकृत थे. साथ ही इस बार लोकसभा चुनाव के लिए बुजुर्ग मतदाताओं सहित दिव्यांग मतदाताओं के लिए पहली बार घर बैठे मतदान करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी. परंतु मात्र 1878 यानि महज 2 फीसद मतदाताओं ने ही इस सुविधा की मांग की और केवल 922 बुजुर्ग मतदाताओं ने ही घर बैठे अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

उल्लेखनीय है कि, लोकतंत्र की मजबूती हेतु प्रत्येक मतदाता का वोट महत्वपूर्ण होता है. ऐसे में कोई भी मतदाता मतदान से वंचित न रहे. इस हेतु निर्वाचन आयोग द्वारा पहली बार 85 वर्ष से अधिक आयु वाले नागरिकों के लिए घर बैठे मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी और इस सुविधा के जरिए पंजीयन कराने वाले 94 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. हालांकि इस आयु गुट में रहने वाले मतदाताओं में से केवल 2 फीसद मतदाताओं ने ही घर बैठे मतदान के लिए अपना पंजीयन कराया था.

बता दें कि, घर बैठे मतदान के लिए बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं को केंद्र स्तरीय अधिकारी के पास नमूना 12 (ड) भरकर देना था और उन मतदाताओं को घर बैठे मतदान की सुविधा दी गई. इसके तहत जिले के 1878 बुजुर्ग मतदाताओं ने इस सुविधा के लिए अपना पंजीयन कराया था और 26 अप्रैल को होने वाले मतदान से 4 दिन पहले मतपत्रिका के जरिए उनकी वोटींग करवाई गई. इस हेतु संबंधित मतदाता के घर पर मतदान पथक पहुंचा और मतपत्रिका के जरिए मतदान होने के उपरान्त उस मतपत्रिका को बैलेट बॉक्स में डाला गया. इस पूरी प्रक्रिया का वीडियो चित्रीकरण भी किया गया. इस प्रक्रिया मतदान केंद्र अधिकारी, सहायक मतदान अधिकारी, सूक्ष्म निरीक्षण, पुलिस कर्मचारी व वीडियो ग्राफर का समावेश रहने वाले पथक द्वारा बेहद पारदर्शक व गोपनीय पद्धति से पूर्ण कराई गई. पश्चात ऐसी मतपेटीयों को ईवीएम मशीनों के साथ कडी सुरक्षा के तहत संभालकर रखा गया और मतगणना के दौरान इन वोटों की डाक मतों के साथ स्वतंत्र टेबल पर गिनती की गई.

* 85 वर्ष से अधिक आयु वाले 78352 मतदाता
अमरावती संसदीय क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु वाले 78352 मतदाताओं के नाम पंजीकृत है. जिनमें से 1878 मतदाताओं ने घर बैठे मतदान की सुविधा मिलने हेतु अपना पंजीयन कराया था और इनमें से केवल 922 बुजुर्ग मतदाताओं ने घर बैठे मतदान करते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

* वोट फ्रॉम होम को अत्यल्प प्रतिसाद क्यों?
कई बुजुर्ग मतदाताओं ने विविध कारणों के चलते मतदान नहीं किया. इसके अलावा कई स्थानों पर मतदान पथक ही नहीं पहुंचा. वहीं कई मतदाताओं ने मतदान पथक को आवश्यक प्रतिसाद नहीं दिया.

* जनजागृति व समय की रही कमी
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पहली बार दी गई इस सुविधा को लेकर प्रशासन द्वारा बडे पैमाने पर जनजागृति नहीं की जा सकी. इसके अलावा पंजीयन हेतु समय कम मिलने के चलते भी इस सुविधा को बेहद कम प्रतिसाद मिला. यह सुविधा प्राप्त करने हेतु नमूना 12 (ड) भरकर देने वाले मतदाताओं तक पहुंचने का प्रयास मतदान पथकों द्वारा किया गया. परंतु इस प्रक्रिया के तहत कुछ मतदाताओं ने तो सकारात्मक प्रतिसाद दिया. वहीं पंजीयन कराने के बावजूद कई मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया.

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