* पुलिस जाना चाहती है मामले की तह तक
* आर्थिक अपराध शाखा और सीपी स्वयं कर रहे जांच
अमरावती/दि.20– शहर में गत शनिवार से बडा चर्चित हुआ एक नामांकित शिक्षा संस्था में नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगी का प्रकरण फ्रेजरपुरा थाने से निकालकर सीधे अपराध शाखा को क्यों सौपा गया, इस प्रकार का सवाल कई लोगों के जेहन में उठ रहा है. हाल के महीनों में यह कदाचित पहला प्रकरण है. जिसे शिकायत मिलने के अगले ही दिन उच्चाधिकारियों ने अपराध शाखा को जांच के लिए सौंपा. इसकी वजह जानने पर कई नई बातें सामने आ रही है. पुलिस का कहना है कि, वह मामले की तह तक जाना चाहती है. पुलिस ने बताया कि, अपराध शाखा के साथ ही आर्थिक अपराध शाखा और पुलिस आयुक्त स्वयं इस गंभीर प्रकरण की तहकीकात में जुटे हैं.
उल्लेखनीय है कि, पंचायत समिति के शिक्षा विभाग में कार्यरत पुंडलिक हुनसिंह जाधव ने बियाणी शिक्षा समिति के कार्यकारिणी सदस्य प्रशांत राठी पर लेक्चरर पद की नौकरी दिलाने 25 लाख रुपए की हामी भरने का भी न नौकरी दी, न रकम लौटाई. उल्टे जाधव को निर्माणाधीन मकान में ले जाकर बुरी तरह मारपीट कर उनसे कोरे बाँड पेपर पर दस्तखत करवाने का आरोप किया और बाकायदा फ्रेजरपुरा थाने में शिकायत की.
* क्या है पुलिस की प्राथमिक जांच
पुलिस की प्राथमिक जांच में ही मामला गुरुगंभीर होने का अंदाज अधिकारियों को हो गया. पुलिस ने बताया है कि, इस प्रकरण में कई बडी हस्तियां भी लिप्त है. इन सफेदपोश लोगों को सामने लाने के लिए ही वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपने का निर्णय शायद लिया गया है. पुलिस का कहना है कि, आरोपियों में जाधव ने प्रशांत राठी के साथ अतुल पुरी और बबलू गाडे के नाम लिये हैं. उसी प्रकार उसके साथ मारपीट करने वाले आरोपी अतुल पुरी को ही अब तक पकडा जा सका है. अन्य आरोपी प्रशांत राठी सहित बडी पहुंच और रसूख रखने वाले हैं. उसी प्रकार बियाणी समिति का बडा घालमेल भी बाहर आ सकता है, यह सब विचार कर कदाचित जांच आनन-फानन में अपराध शाखा को दी गई है.
* राठी और जाधव की पुरानी पहचान
पुलिस के अनुसार प्रशांत राठी और जाधव की पुरानी पहचान है. जाधव ने भी अपनी पोस्ट का उपयोग कर राठी के माध्यम से बियाणी और अन्य कॉलेज व शिक्षा संस्थाओं में कई लोगों को जॉब लगाकर दी है. इसलिए इन सब प्रकरणों की जांच और तह में जाना आवश्यक है. पुलिस के अनुसार इसीलिए जांच अपराध शाखा के अधिकार में दी गई है. पुलिस ने बताया कि, कुछ माह पहले सिटी कोतवाली में ऐसे ही दो प्रकरणों में लाखों रुपए लिये जाने का आरोप प्रशांत राठी व अन्य पर था. जिसमें शिकायत के बाद मामला कमजोर करने आरोपी राठी ने कथित रुप से 5-5 लाख रुपए लौटा दिये थे. इससे पुलिस को प्रकरण की गंभीरता का ऐहसास हो गया. अब अपराध शाखा तीव्रता से जांच में जुटी है. काफी कुछ दस्तावेज यहां-वहां से एकत्र किये जा रहे हैं. तहकीकात में कई बडे और चौकाने वाले खुलासे होने की संभावना जांच अधिकारियों ने व्यक्त की. पुलिस ने यह भी बताया कि, लाखों रुपए का लेन-देन होने का प्रकरण रहने से आर्थिक मामलों की शाखा को भी जांच के लिए कहा गया है. उसी प्रकार पुलिस आयुक्त स्वयं इस मामले में दैनंदिन अपडेट ले रहे हैं. जांच अधिकारियों को मार्गदर्शन कर रहे हैं.