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शिक्षकों को मतदान से क्यों वंचित रखा?

निर्वाचन आयोग ने पूछा सवाल

* जिलाधीश से मांगा ‘क्विक रिस्पॉन्स’
* तुरंत जवाब देने का आदेश
अमरावती/दि.20- अमरावती संसदीय क्षेत्र में लोकसभा के चुनाव हेतु निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात रहने वाले 450 से 500 शिक्षक मतदान से वंचित रह गये. इस गंभीर मामले को लेकर प्रहार शिक्षक संगठन द्वारा केंद्रीय निर्वाचन आयोग के पास शिकायत दर्ज की गई. जिसके आधार पर निर्वाचन आयोग ने अमरावती के जिलाधीश व जिला निर्वाचन अधिकारी के नाम विगत 18 मई को ई-मेल के जरिए नोटीस जारी कर इस मामले में तत्काल उत्तर देने का आदेश जारी किया है.
जानकारी के मुताबिक अमरावती संसदीय क्षेत्र में चुनावी ड्यूटी पर तैनात 450 से 500 शिक्षकों व कर्मचारियों के मतदान से वंचित रहने की बात एक निवेदन के जरिए सबसे पहले जिलाधीश व जिला निर्वाचन अधिकारी के ध्यान में लायी गई थी. लेकिन उसकी ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया. जिसके चलते प्रहार शिक्षक संगठन द्वारा इस बात की शिकायत सीधे निर्वाचन आयोग से की गई. निर्वाचन आयोग ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए अमरावती के जिलाधीश से इस विषय में जवाब मांगा है, ऐसी जानकारी प्रहार शिक्षक संगठन के राज्य अध्यक्ष महेश ठाकरे द्वारा दी गई.

* क्या थी शिकायत
अमरावती संसदीय क्षेत्र में चुनावी ड्यूटी पर रहने वाले 450 से 500 शिक्षकों व कर्मचारियों ने मतदान हेतु 12 (अ) एवं 12 प्रारुप के तहत आवेदन भरकर दिया था. लेकिन इसके बावजूद भी चुनावी ड्यूटी पर तैनात रहने वाले कर्मचारियों व शिक्षकों को पोस्टल बैलेट एवं इलेक्शन ड्यूटी सर्टीफिकेट उपलब्ध नहीं हुए. साथ ही इस बारे में बार-बार मांग करने के बाद भी प्रशासन द्वारा इसकी गंभीरता से दखल नहीं ली गई. जिसकी वजह से संबंधित शिक्षक और कर्मचारी मतदान से वंचित रह गये. पश्चात प्रहार शिक्षक संगठन द्वारा इस संदर्भ में मतदान से वंचित रहने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों के नामों की सूची सहित निर्वाचन आयोग से शिकायत की गई.

* निर्वाचन आयोग ने इस मामले में जिलाधीश से ‘क्विक रिस्पॉन्स’ मांगा है. साथ ही जिलाधीश का जवाब मिलने तक हमें प्रतिक्षा करने हेतु कहा है. मताधिकार से वंचित रहने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों को निश्चित तौर पर न्याय मिलेगा, ऐसा हमें पूरा विश्वास है.

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