अमरावतीमहाराष्ट्र

पत्नी रेखा ने जीवनसाथी मनोज को दिया नया जीवन

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 42 वां किडनी प्रत्यारोपण

अमरावती/दि. 23– स्थानीय विभागीय संदर्भ सेवा रुग्णालय (सुपर स्पेशलिटी) हॉस्पिटल में आज 42 वां किडनी प्रत्यारोपण ऑपरेशन सफल किया गया. जब बालापुर तहसील के मनोज माली को उनकी पत्नी रेखा ने नवजीवन देते हुए अपना एक गुर्दा खुशी-खुशी और संपूर्ण कानूनी प्रक्रिया पूर्ण कर अपने जीवनसाथी को दिया. शस्त्रक्रिया सफल होने का दावा अस्पताल सूत्रों ने किया. यह भी बताया कि, मरीज को शासकीय योजना का लाभ देते हुए शस्त्रक्रिया नि:शुल्क की गई. इस ट्रान्सप्लांट से अब मनोज को बार-बार डायलिसिस नहीं करना पडेगा.
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. अमोल नरोटे व विशेष कार्य अधिकारी डॉ. मंगेश मेंढे के मार्गदर्शन में आज का प्रत्यारोपण होने की जानकारी अस्पताल सूत्रों ने अमरावती मंडल को दी. उन्होंने बताया कि, सफल ऑपरेशन में नेफरोलॉजिस्ट डॉ. अविनाश चौधरी, यूरो सर्जन डॉ.राहुल पोटोडे, डॉ. विक्रम देशमुख, डॉ. राहुल घुले, डॉ.विशाल बाहेकर, बधिरिकरण तज्ञ- डॉ. रोहित हातगांवकर, डॉ. बाळकृष्ण बागवाले, डॉ. दीपाली देशमुख, डॉ. अंजू दामोदर, डॉ.माधव ढोपरे आरएमओ, किडनी ट्रान्सप्लांट कोऑर्डिनेटर डॉ. सोनाली चौधरी, समाजसेवा अधीक्षक (वैद्यकीय) शीतल बोंडे का योगदान रहा. मरीज की फाइल बनाने से लेकर अप्रुव्हल तक उपरोक्त की भूमिका रही. उसी प्रकार अधीसेविका चंदा खोडके की सूचना नुसार इंचार्ज सिस्टर अनीता तायडे, सरला राऊत, नीलिमा तायडे, लता मोहता, नीता कांडलकर, स्नेहल काले, दीपाली तायवाडे, वैभव कोथलकर, रोहिणी भगत, साहिल लांजेवार, अक्षय पवार, अनिता खोब्रागडे, नम्रता दामले, अभिजित देवधर, अनु वडे, योगिश्री पडोले, रेखा विश्वकर्मा, वैभव भुरे, नितीन मते, महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना के डॉ. श्याम गावंडे, डॉ. पायल रोकडे, आहारतज्ञ अंजली दहात, कविता देशमुख, औषध विभाग के योगेश वाडेकर, पंकज बेलुरकर, गजानन मातकर, अविनाश राठोड, सागर गणोरकर, सुनीता ठाकुर, शिवा भोंगले, आशिष स्थूल, ज्ञानेश लांजेवार, पाटील, मंगला, दिपटे, गजू, प्रशांत, नीलेश आत्राम का प्रत्यारोपण शस्त्रक्रिया में सहकार्य रहा.
* तीन माह से डायलिसिस
रुग्ण मनोज आनंदराव माली (52, वझेगाव, बालापूर जि. अकोला) गत 3 माह से किडनी बीमारी से त्रस्त थे. उन्हें हर दो-तीन दिनों में डायलिसिस कराना पडता था. उस समय होती पीडा को देखते हुए उन्हें किडनी ट्रान्सप्लांट का योग्य उपाय बताया गया. तब से ही कागजी कार्यवाही शुरु कर दी गई थी. अपने यजमान को डायलिसिस की पीडा से छुटकारा दिलाने में 43 वर्ष की रेखा आगे आई. उन्होंने अपना एक गुर्दा यजमान मनोज माली को नवजीवन देने के लिए दिया. मरीज को फुले जनस्वास्थ योजना का लाभ मिला.

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