वरुड/दि.27– स्थानीय विश्वकर्मा आयुर्वेदालय, इन्स्टिट्युट ऑफ मेनेजमेंट स्टडीज महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना व स्व. शिवरामजी हिवसे अध्यापक महाविद्यालय वरुड के संयुक्त तत्वावधान में जंगली सब्जी महोत्सव 2022 का आयोजन किया गया था. इसमें जंगली सब्जीयां प्रस्तुत करने वालों को पुरस्कृत किया गया.
बढ़ते भागदौड़ भरी जीवन शैली में सभी निसर्ग की आहार पद्धति से दूर जाते दिखाई दे रहे हैं. मनुष्य की मुख्य आहार पद्धति आयुर्वेदिक पद्धति के अनुसार व निसर्गोपासक होनी चाहिए. आहार का मूल तत्व यह जंगल या निसर्ग में प्राप्त होता है. रास्यनिक फसल पद्धति के इस्तेमाल करने से मानवी आहार का स्वरुप विषाणुजन्य हो रहा है. अपने आहार में ही अपनी दवाईयां व उपचार कैसे छिपा है, इसका परिचय करवाने के लिए व जंगल से व खेतों के बंधारे से मिलने वाली जंगली सब्जी समान अमूल्य संपत्ति करने का दृष्टिकोण वृद्धिंगत करते आना चाहिए, इस उद्देश्य से इस उपक्रम का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम में अध्यक्ष के रुप में डॉ. मीना बंदे, उद्घाटक के रुप में संगाबा विद्यापीठ रासेयो संचालक डॉ. राजेश बुरंगे व प्रमुख अतिथि के रुप में वनपरिक्षेत्र अधिकारी पुष्पलता बेंडे, डॉ. मनोहर आंडे, डॉ. सोनाली आंडे, डॉ. चरण सोनारे, माया यावलकर, नितीन खेरडे, डॉ. मेघा झामडे, डॉ. शुभा शेलके, प्राचार्य किशोर तडस, प्राचार्य निशांत पानसे उपस्थित थे.
जंगली सब्जी महोत्सव में आयोजित जंगली सब्जी स्पर्धा में वरुड शहर व तहसील की महिला व शालेय छात्र-छात्राएं सहभागी हुए. इस स्पर्धा में महिला व शालेय विद्यार्थी ऐसे दो गुट विभाजित कर दोनों गटों में प्रथम, द्वितीय व तृतीय ऐसे तीन पुरस्कार रखे गए थे. वरुड शहर व तहसील के 150 स्पर्धकों ने अपने-अपने परिचय की उपलब्ध जंगली सब्जी लेकर सहभाग लिया. स्पर्धा में विद्यार्थी गट में जागृत विद्यालय की कोमल पवार ने प्रथम, राजश्री मानेकर द्वितीय व प्रोत्साहर पर पुरस्कार बिरसा मुंडा विद्यालय व न्यु इंग्लिश हाइस्कूल के विद्यार्थियों ने हासिल किया. महिला गुट से प्रथम क्रमांक शैलजा गोरडे, द्वितीय शर्मिला खासबागे व तृतीय पुरस्कार प्रीती देशमख ने हासिल किया. सभी विजेताओं का सम्मान चिन्ह व पुरस्कार देकर सम्मान किया गया. विश्वकृपा आयुर्वेदालय की ओर ेस अनेक औषधी गुणधर्म वाली जंगली सब्जियों का परिचय करवाया गया.