अमरावती/दि.28– जंगली सब्जियां स्वास्थ्य के लिए पोषक है वहीं सस्ती भी है. किंतु आज आधुनिकता के चलते इन स्वास्थ्यवर्धक सब्जियों की अनदेखी की जा रही है. जंगली सब्जियों के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है और रोग प्रतिकारक शक्ति भी बढती है. जिले में 18 से 20 प्रकार की जंगली सब्जियां उपलब्ध है. किंतु दिनों दिन बढ रहे केमिकल के इस्तेमाल के चलते जंगली सब्जियों का प्रमाण कम होता जा रहा है.
अमरावती जिले की चिखलदरा, चांदुर रेल्वे, अचलपुर तहसील में बडे प्रमाण में ककोडा, शेवगा, तरोटा, गुडवेल, अलु, केना, ओवा, कुंजर, अंबाडी, घोल भाजी, वाघाटे, आघाडा, चिवल, तांदूलजा, काटेमाट, उंबर, बांबू, हादगा, सुरन, पाथरी, कपाल, पोली, आंबुशी, चंदनबटवा, वायर्णा, जंगली मेथी, सब्जियां बडे प्रमाण में पायी जाती है. जंगली सब्जियों की जानकारी सभी को हो. इस संदर्भ में कृषि विभाग द्बारा जंगली सब्जी महोत्सव का आयोजन भी किया गया था. जिसे प्रतिसाद भी दिया गया.
* बाजार में उपलब्ध जंगली सब्जियां
इन दिनों प्रचुर मात्रा में जंगली सब्जियां बाजारों मेें आ रही है. जिसमें शेवगा, तरोटा, गुलवेल, अलु, ओवा, कुंजर, घोल भाजी, जंगली मेथी, वाघाटे, उंबर, ककोडा, भुईआवला आदि सब्जियां का समावेश है.
* अन्य सब्जियों की तुलना में सस्ती
अन्य सब्जियों की तुलना में तरोटा, घोल, वाघाटे, मोहफुल, बांबु की सब्जियां सस्ती और स्वास्थ्यवर्धक है. रसायनिक खादों का इस्तेमाल कर बाजारों में लायी गई सब्जियों की तुलना में जंगली सब्जियां स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छी और पोषक है.
* तननाशक के इस्तेमाल से कम हुआ प्रमाण
तननाशक के ज्यादा इस्तेमाल किए जाने पर जंंगली सब्जियों का प्रमाण कम हुआ है. अब पहले जैसी सब्जियां खेतों की मेड पर पायी जाती थी. अब वह नहीं मिल पा रही. जिस स्थान पर मानवीय हस्तक्षेप् नहीं है उसी स्थान पर जंगली सब्जियां देखी जा सकती है. जिले की कुछ तहसीलों में ही जंगली सब्जियां उपलब्ध है. स्वास्थ्यवर्धक वनस्पतियों का भी जतन किया जाना चाहिए.