* विदर्भवादियों का अभी नहीं तो कभी नहीं आंदोलन
अमरावती/दि. 25– आम चुनाव की आहट तेज होते देख विदर्भवादियों ने अपने आंदोलन को तेज करने की घोषणा की है. बल्कि उनका कहना है कि अभी नहीं तो कभी नहीं वाली स्थिति विदर्भ राज्य मांग को लेकर बनी है. अमरावती जिले में बहिरम से इस बार आंदोलन तेज होगा. बहिरम में आगामी 4 फरवरी को मध्य प्रदेश से सटी सीमा पर ‘विदर्भ राज्य में आपका स्वागत है’ का बोर्ड लगाया जाएगा. यह घोषणा नागपुर में प्रखर आंदोलन की रुपरेखा जारी करते हुए की गई.
* अनेक माह से आंदोलन
पूर्व विधायक एड. वामनराव चटप के नेतृत्व वाली विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने बरसों पुरानी पृथक राज्य की मांग को लेकर गत कई माह से आंदोलन छेड रखा है. पहली बार जिले के रुख्मिणी माहेरघर कौंडण्यपुर में भी महिलाओं का सम्मेलन लेकर जनजागृति की गई.
* आज नरखेड में लगाया बोर्ड
समिति के कार्यकर्ताओं ने आज नरखेड तहसील के सावरगांव में दोपहर 1 बजे ‘विदर्भ राज्य में आपका स्वागत है’ यह फलक लगा दिया. यह मध्य प्रदेश सीमा का क्षेत्र है. वाडचिचोली में भी फलक लगाया गया. सावरगांव में फलक लगाने के बाद राज्य की मांग बुलंद करते हुए, रासता रोको आंदोलन किया गया. सैकडों स्त्री-पुरुष कार्यकर्ताओं का आंदोलन में सहभाग रहा.
* पिंपलखुटी में बोर्ड
यवतमाल जिले की तेलंगाना से जुडी सीमा के ग्राम पिंपलखुटी में 6 फरवरी को उपरोक्त फलक लहराया जाएगा. 8 फरवरी को तेलंगाना की सीमा से पोरसा में आंदोलन होगा. 10 फरवरी को आंदोलन समिति के कार्यकर्ता छत्तीसगढ सीमा की देवरी में आंदोलन करेंगे. 12 फरवरी को बुलढाणा जिले के मलकापुर में आंदोलन होगा, जो मध्य प्रदेश से सटा क्षेत्र है.
* संसद को है अधिकार
आंदोलन समिति ने अभी नहीं तो कभी नहीं का नारा देकर कहा कि संसद को विदर्भ राज्य का प्रस्ताव पारित कर अलग राज्य बनाने का अधिकार है. किंतु राजकीय इच्छाशक्ति नहीं होने से अलग राज्य नहीं बन पा रहा है. समिति का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत संसद अभी भी आगामी सत्र में इस प्रकार का प्रस्ताव ला सकती है. समिति की मंगलवार को नागपुर में श्रीनिवास खांदेवाले की अध्यक्षता में बैठक हुई. सभी 11 जिलों से प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित हुए. शहर स्तर के संयोजकों ने भी बैठक में भाग लिया. बैठक में नागपुर और बुलढाणा में गत दिसंबर में अलग राज्य के लिए भूख हडताल करने वाले 12 सत्याग्रहियों का सत्कार किया गया.