
* गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से बनेगा विद्यार्थियों का भविष्य
अमरावती /दि.16– आगामी शैक्षणिक सत्र से सभी शालाओं में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरु किया जाएगा. सुकाणू समिति की सिफारिश के बाद कक्षा पहली से कक्षा 12 वीं तक सीबीएसई पैटर्न लागू किए जाने की घोषणा राज्य के शालेय शिक्षा मंत्री द्वारा की गई थी. जिसे लेकर अब तक कोई सहकारी परिपत्रक जारी नहीं हुआ है. परंतु इस घोषणा की वजह से शिक्षा विभाग में अच्छा-खासा हडकंप मचा हुआ है और सवाल पूछा जा रहा है कि, यदि सीबीएसई का पैटर्न लागू हो जाता है तो फिर मातृभाषा मराठी का क्या होगा. साथ ही यह आशंका भी जताई जा रही है कि, कहीं इस फैसले की वजह से मराठी माध्यम वाली शालाएं बंद तो नहीं हो जाएंगी.
* क्या निशुल्क किताबे मिलेंगी?
सीबीएसई के नए पाठ्यक्रमानुसार बालभारती के मार्फत कक्षा पहली की पाठ्यपुस्तकों के निर्माण का काम चल रहा है. जिसके तहत वर्ष 2025 में कक्षा पहली के विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्यपुस्तके मिलेगी, इसके साथ ही चरणबद्ध ढंग से साल-दरसाल कक्षा 12 वीं तक सीबीएसई पाठ्यक्रम को लागू करने पर अमल किया जाएगा.
* सभी शालाओं में लागू होगा पाठ्यक्रम
सीबीएसई सभी शालाओं में लागू होगा. हालांकि इसके लिए सरकार द्वारा अब तक कोई परिपत्रक जारी नहीं किया गया है. बल्कि अभी केवल शालेय शिक्षा मंत्री की ओर से घोषणा ही हुई है.
* क्या है फायदे?, क्या है नुकसान?
फायदे – जो सर्वसामान्य व गरीब अभिभावक अपने बच्चों को सीबीएसई शालाओं में नहीं पढा पाते उनके बच्चों को अब सीबीएसई की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिक करने का अवसर मिलेगा. नीट व जेईईई की परीक्षा सीबीएसई पाठ्यक्रम पर आधारित रहने के चलते इसका लाभ होगा और इन प्रवेश परिक्षाओं में राज्य के बच्चों का प्रतिशत बढेगा. साथ ही बंद पडनेवाली शालाओं को भी राहत मिलेगी.
नुकसान – सीबीएसई का माध्यम अंग्रेजी रहेगा, यह खुली बात है. जिसके चलते सबसे पहले तो इसके लिए सक्षम स्टाफ का रहना आवश्यक रहेगा. साथ ही सीबीएसई व स्टेट बोर्ड का पाठ्यक्रम भी लगभग एकसमान रखना होगा और इस पर चरणबद्ध तरीके से अमल करना होगा.
* सीबीएसई पैटर्न शुरु करने की घोषणा योग्य रहने के बावजूद इसके लिए सबसे पहले आवश्यक रचना तैयार करना जरुरी है. जब तक ऐसा नहीं होगा तो इसका कोई फायदा नहीं होगा. ऐसे में सबसे पहले नीव को मजबूत करना होगा, जिसके बाद चरणबद्ध तरीके से सीबीएसई पैटर्न को लागू किया जाना चाहिए, तभी इसका विद्यार्थियों को फायदा होगा.
– दिलीप कडू
प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षक संघ.
* राज्य की सभी शालाओं में सीबीएसई पैटर्न लागू करने का निर्णय काफी अच्छा है. परंतु ऐसा करते समय सीबीएसई व स्टेट बोर्ड के पैटर्न को एकसमान रखा जाना चाहिए और इस पर चरणबद्ध तरीके अमल करते हुए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए.
– अरविंद मंगले
मार्गदर्शक, विज्युक्टा