अमरावती

शाला में विविध उपक्रम चलाने पर मिलेगा 51 लाख का इनाम

मुख्यमंत्री मेरी शाला-सुंदर शाला अभियान पर हो रहा अमल

अमरावती /दि.22– सभी व्यवस्थापनाओं व सभी माध्यमों वाली शालाओं में सुविधाएं बढाने, शिक्षा को लेकर स्पर्धात्मक वातावरण तैयार करने जैसे उद्देशों को ध्यान में रखते हुए राज्य में ‘मुख्यमंत्री मेरी शाला-सुंदर शाला’ अभियान शुरु किया गया है. जिसके तहत शालाओं में विविध उपक्रम चलाये जाने पर 1 लाख रुपए से 51 लाख रुपए तक के विविध पुरस्कार दिये जाएंगे. ऐसे में शिक्षा विभाग ने जिले की सभी शालाओं से इस अभियान में सहभागी होने का आवाहन किया है.

मुख्यमंत्री मेरी शाला-सुंदर शाला अभियान को लेकर प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जिले में जनजागृति करनी शुरु कर दी है. जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अविश्यांत पंडा के मार्गदर्शन में शिक्षा विभाग द्वारा सभी शाला व्यवस्थापनों को इस अभियान का उद्देश्य बताने हेतु यह मुहिम चलाई जा रही है.

* ऐसे मिलेंगे अंक
शालाओं को विद्यार्थी केंद्रीत उपक्रमों हेतु 60 तथा शाला व्यवस्थापन की ओर से स्वास्थ्य आर्थिक साक्षरता व कौशल्य विकास भौतिक सुविधा तंबाखू मुक्त व प्लॉस्टिक मुक्त शाला जैसे उपक्रम चलाये जाने हेतु 40 अंक दिए जाएंगे.

* 1 लाख से 51 लाख तक के इनाम
इस अभियान के तहत तहसीलस्तर पर 3 लाख, 2 लाख व 1 लाख रुपए के प्रथम तीन पुरस्कार दिये जाएंगे. वहीं जिलास्तर पर 11 लाख, 5 लाख व 3 लाख रुपए, विभागस्तर पर 21 लाख, 11 लाख व 7 लाख रुपए तथा राज्यस्तर पर 51 लाख, 21 लाख व 11 लाख रुपए के प्रथम तीन पुरस्कार दिये जाएंगे.

* क्या है अभियान का उद्देश्य?
सभी शालाओं में स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय एकात्मता, स्वास्थ्य, आर्थिक साक्षरता व कौशल्य विकास जैसे उपक्रमों के जरिए प्रतिस्पर्धा ली जाएगी और सभी उपक्रमों के आधार पर गुणांकन करते हुए अलग-अलग स्तरों पर विजेता शालाओं को पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे.

* मूल्यांकन हेतु समिति
तहसीलस्तरीय मूल्यांकन समिति में अध्यक्ष के तौर पर गटविकास अधिकारी व सदस्य सचिव के तौर पर सेवा ज्येष्ठ शिक्षा विस्तार अधिकारी द्वारा काम संभाला जाएगा. साथ ही पालिका मुख्याधिकारी व गट शिक्षाधिकारी इस समिति में सदस्य के तौर पर शामिल होंगे. इसी तरह जिलास्तर, विभाग स्तर व राज्यस्तर पर भी मूल्यांकन समितियां बनाई जाएगी.

* विद्यार्थियों में शैक्षणिक गुणवत्ता विकासित करने तथा अध्ययन, अध्यापन व शाला प्रबंधन में आधुनिक तंत्रज्ञान का प्रयोग करने को प्रोत्साहित करने हेतु यह योजना चलाई जा रही है.
– प्रफुल्ल कचवे,
प्रभारी शिक्षाधिकारी (प्राथमिक)

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