हर हाल में वेतन व पेन्शन दिलवाउंगा
शिक्षक भारती प्रत्याशी दिलीप निंभोरकर (Dilip Nimbhorkar) का अभिवचन
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शिक्षक भारती को बताया सदन में शिक्षकों के लिए आवाज उठानेवाला एकमात्र संगठन
अमरावती/दि.30 – काम के बदले नियमित तौर पर वेतन प्राप्त करने यह हर एक शिक्षक का मुलभूत अधिकार है. जिसे दिलवाने हेतु शिक्षक भारती द्वारा विगत अनेक वर्षों से संघर्ष किया जा रहा है. बिना अनुदानित सहित निजी क्षेत्र की हर एक शाला के शिक्षक को नियमित तौर पर पूर्ण वेतन व सेवा निवृत्ति के बाद सम्मानपूर्ण पेन्शन हर हाल में दिलवायी जायेगी. यह हमारा सभी शिक्षकों को वचन है और इस वचन को पूर्ण करने के लिए शिक्षक भारती प्रत्याशी के तौर पर सभी शिक्षक मुझे अपनी पहली पसंद का मतदान करें. इस आशय का आवाहन शिक्षक विधायक पद का चुनाव लड रहे शिक्षक भारती के प्रत्याशी दिलीप निंभोरकर ने किया है.
चुनाव प्रचार की अवधि खत्म होने से पहले संभाग के शिक्षकों के साथ आयोजीत संवादसभा को संबोधित करते हुए दिलीप निंभोरकर ने कहा कि, शिक्षक भारती राज्य का सबसे बडा शिक्षक संगठन है. जिसके नेता व शिक्षक विधायक कपिल पाटिल का गंभीर नेतृत्व हमारे साथ है. बिना अनुदानित शिक्षकों को 1 नवंबर 2020 से अनुदान देने का झांसा इस सरकार द्वारा दिखाया गया था, लेकिन यह अनुदान 1 अप्रैल 2019 से मिलना चाहिए. ऐसी मांग उठानेवाले कपिल पाटिल एकमात्र शिक्षक विधायक थे. साथ ही मैने भी राज्य की शिक्षा मंत्री से इस संदर्भ में बात करते हुए शिक्षकों को उनका 18 माह का वेतन मिलने की मांग उठायी थी, लेकिन राज्य सरकार शिक्षकों के प्रति पूरी तरह से असंवेदनशिल है और सरकार द्वारा बिना अनुदानित व नैसर्गिक टुकडियों के शिक्षकों के मुलभूत मसलों की ओर जानबूझकर अनदेखी की जा रही है. जिसकी वजह से राज्य के हजारों बिना अनुदानित व अल्प अनुदानित शिक्षकों सहित नैसर्गिक टुकडियों के शिक्षक अब तक अपने वेतन जैसे मुलभूत अधिकार से दूर है. ऐसे में शिक्षकों को चाहिए कि, वे सरकार द्वारा दिखाये जा रहे प्रलोभन के झांसे में न आते हुए शिक्षक भारती के पक्ष में मतदान करें.
बिना अनुदानित की संकल्पना ही बंद करेंगे
शिक्षक भारती प्रत्याशी दिलीप निंभोरकर के मुताबिक राज्य में बिना अनुदान तत्व पर शालाओं को अनुमति देने की पध्दति बंद करवायी जायेगी. और चूंकि सभी को नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार की है. अत: सभी शालाओं को संपूर्ण अनुदान देने की पध्दति अमल में लायी जायेगी. इसके अलावा शिक्षकों के लिए अनुदान की संकल्पना को कालबाह्य करते हुए शिक्षकों को उनकी नियुक्तीवाले दिनांक से पूर्ण वेतन दिये जाने की नीति को अमल में लाया जायेगा.
मई माह में होगी बिना अनुदानित शिक्षकों की दीपावली
दिलीप निंभोरकर के मुताबिक सरकार की अनास्था व गलत नीतियों की वजह से इस बार शिक्षकों की दीपावली अंधेरे मेें गई है, लेकिन यदि मैं शिक्षक विधायक निर्वाचित होता हूं तो आगामी मई माह से पहले सभी शिक्षकों को उनका बकाया वेतन व अनुदान जरूरत दिलवाउंगा और आगामी मई माह में किसानों की दीपावली मनायी जायेगी.