अमरावती

‘उस’ फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे

दीपाली आत्महत्या का मामला

अमरावती/दि.15 – हरिसाल की वनपरिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण की आत्महत्या मामले में अपर प्रधान मुख्य संरक्षक एम.एस.रेड्डी पर दर्ज फौजदारी अपराध को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने 13 अगस्त को खारीज कर दिया. अब इस निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाएगी. इस संदर्भ में बेलदार समाज ने मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को पत्र लिखकर दीपाली को न्याय देने की मांग की है.
बता दें कि 25 मार्च 2021 में दीपाली ने सरकारी आवास में रिवॉल्वर से गोली दागकर आत्महत्या कर ली थी. 26 मार्च को निलंबित उपवनसंरक्षक विनोद शिवकुमार के खिलाफ धारा 306 के तहत अपराध दर्ज किया गया, लेकिन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एम.एस.रेड्डी भी इस मामले में दोषी होने की जनभावनाएं सामने आयी. इसके बाद राजस्व व वन विभाग के कक्ष अधिकारी अतुल कोदे के हस्ताक्षर से सरकार ने एक आदेश पारित कर अपर पुलिस महासंचालक प्रज्ञा सरवदे की अध्यक्षता में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समिति का गठन किया था. जांच के बाद सरवदे स्वयं जिला पुलिस अधिक्षक कार्यालय पहुंची और 29 अप्रैल को एम.एस.रेड्डी की गिरफ्तारी के आदेश निकाले गए थे. रेड्डी को नागपुर से हिरासत में लिया गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद रेड्डी को जमानत देकर रिहा कर दिया गया. इसके बाद रेड्डी के खिलाफ दर्ज किया गया फोैजदारी अपराध भी मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने खारिज कर दिये. रेड्डी भी दोषी होने के चलते उनके खिलाफ भी कडी कार्रवाई की जाए, इसके लिए बेलदार समाज की ओर से मुख्यमंत्री ठाकरे को निवेदन दिया गया. जिसके बाद अब राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय की दहलीज पर पहुंचेगी.

  • मुख्यमंत्री ने सकारात्मक प्रतिसाद दिया है. दीपाली को निश्चित ही न्याय मिलेगा. जल्द ही राज्य सरकार उच्च न्यायालय के उस निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में जाकर न्याय की गुहार लगाएगी. इस संबंध में ई-मेल व निवेदन भेजा गया है.
    – राजु सोलंके, अध्यक्ष, बेलदार समाज संगठन

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