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क्या वाकई भाजपा के साथ दो माह में पटरी बैठ जाएगी जगदीश गुप्ता की?

गुप्ता ने भाजपा के साथ ही आगे बढने का अपने स्तर पर दिया है संकेत

* अब निष्कासन को पीछे लेने के मामले की गेंद भाजपा के पाले में
* विधानसभा चुनाव में गुप्ता ने की थी पार्टी के खिलाफ बगावत, बागी प्रत्याशी के तौर पर लडा था चुनाव
* पार्टी ने समर्थकों सहित दिखाया था बाहर का रास्ता, अब पार्टी के अगले कदम पर सभी की निगाहे
अमरावती/दि.5 – विधानसभा चुनाव में महायुति प्रत्याशी के खिलाफ बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडने वाले भाजपा के बागी नेता व पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता ने गत रोज अपने समर्थकों के संघ हुई बैठक में संकेत दिया कि, वे पहले भी भाजपा की विचारधारा के प्रति समर्पित थे और आगे भी भाजपा के ही साथ रहेंगे. लेकिन सबसे बडा सवाल यह है कि, यद्यपि पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता व उनके समर्थकों द्वारा खुद को अब भी भाजपा के साथ ही बताया जा रहा है और दो माह बाद होने वाले मनपा चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर हिस्सा लेने की बात कही जा रही है. लेकिन क्या भाजपा द्वारा भी गुप्ता की ओर दोस्ती का हाथ बढाया जाएगा और क्या महज दो माह के भीतर ही विधानसभा चुनाव के दौरान उपजी कटूता को भुलाकर दोनों पक्षों के बीच पटरी बैठ जाएगी. ऐसे में अब सभी की निगाहे भाजपा द्वारा उठाये जाने वाले अगले कदम की ओर टिकी हुई है.
उल्लेखनीय है कि, विधानसभा चुनाव के पहले से ही भाजपा नेता व पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता इस बात को लेकर आग्रही थे कि, अमरावती निर्वाचन क्षेत्र को महायुति के तहत भाजपा के कोटे में रखा जाये और इस सीट से भाजपा प्रत्याशी को कमल चुनाव चिन्ह पर खडा किया जाये. ऐसा नहीं होने और अमरावती की सीट राकांपा के कोटे में चले जाने के चलते पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता ने बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा था और खुद को भाजपा का ‘अनधिकृत’ प्रत्याशी बताते हुए चुनाव लडा था. जिसके चलते जगदीश गुप्ता सहित उनके कुछ समर्थकों को भाजपा द्वारा पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. साथ ही साथ जगदीश गुप्ता द्वारा अपने चुनाव प्रचार के दौरान खुद को भाजपा व हिंदुत्व के प्रति समर्पित बताये जाने से चीढकर शहर भाजपा के कुछ पदाधिकारियों ने बाकायदा एक पत्रवार्ता बुलाते हुए पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता पर बेहद सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था कि, जगदीश गुप्ता ने भाजपा की ओर से 22 साल तक सत्ता का सुख भोगने के बावजूद भाजपा को बर्बाद करने का काम किया है और पार्टी विरोधी भूमिका अपनाए जाने के चलते उन्हें इससे पहले भी पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है. ऐसे में गुप्ता का भाजपा व हिंदुत्व प्रेम पूरी तरह से ढकोसला है. इन आरोपों पर जगदीश गुप्ता की ओर से भी जबर्दस्त पलटवार किया गया था और दोनों पक्षों के बीच जमकर तनातनी होकर अच्छी-खासी खटास भी आयी थी. जिसके चलते यह मानना थोडा मुश्किल है कि, अब दोनों पक्ष एक बार फिर एकसाथ आ सकते है. ऐसे में गत रोज आयोजित अपने समर्थकों की बैठक में जैसे ही पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता ने यह ऐलान किया कि, वे अब भी भाजपा के साथ है और आगे भी भाजपा के साथ रहते हुए ही अगली रणनीति पर काम करेंगे, तो स्वाभाविक तौर पर सभी के मन में यह सवाल कौंढने लगा कि, भले ही जगदीश गुप्ता व उनके समर्थकों ने एक बार फिर भाजपा के साथ चलने का मन बना लिया है. लेकिन क्या ऐसी कोई पहल भाजपा विशेषकर पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों की ओर से भी होने वाली है और यदि ऐसा होता भी है, तो क्या वाकई महज दो माह बाद होने वाले मनपा चुनाव से पहले दोनों पक्षों के मन का मैल धुल जाएगा और दोनों पक्षों के बीच आपसी पटरी भी बैठ जाएगी.
बहरहाल इन तमाम ‘अगर-मगर’ वाले सवालों के जवाब आगामी एक-डेढ माह के भीतर सभी के सामने आ जाएंगे. जिनकी ओर सभी की बडी उत्सुकता के साथ निगाहे लगी हुई है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि, जगदीश गुप्ता और भाजपा के बीच आने वाले वक्त में क्या कुछ होता है तथा भविष्य की राजनीति कौन सी करवट लेती है.

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